अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के बाहर दो ब्लास्ट हुए हैं। इनमें कम से कम 40 लोग मारे गए हैं जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए की हालत गंभीर है। पेंटागन ने भी इन ब्लास्ट की पुष्टि की है और इसे आत्मघाती हमला बताया है जबकि एक बंदूकधारी ने भी गोलियां चलाई हैं। आशंका जताई जा रही है कि इन ब्लास्ट के पीछे आईएस का हाथ हो सकता है, हालांकि, इसकी अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
रूस की मीडिया रिपोर्ट्स में कम से कम 40 लोगों के मारे जाने की बात कही गयी है, जिनमें अमेरिका के चार सैनिक (मरीन कमांडो) भी शामिल हैं। किसी भारतीय के ब्लास्ट में घायल होने की जानकारी नहीं है। तालिबान ने इसे ‘आतंकी हमला’ बताते हुए हमले की निंदा की है। इस घटना के बाद फ्रांस ने अपने दूतावास को बंद करते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को वापस बुला लिया है।
अमेरिका में पेंटागन के प्रवक्ता ने इस ब्लास्ट की पुष्टि करते हुए कहा है कि यह ब्लास्ट काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए हैं। पहला विस्फोट काबुल एयरपोर्ट के एबे गेट पर हुआ, जबकि दूसरा ब्लास्ट बरून होटल के पास हुआ है।
कुछ टीवी फुटेज में एयरपोर्ट के बाहर धुंए के गुब्बार उठते देखे गए हैं। पेंटागन के मुताबिक यह ब्लास्ट एयरपोर्ट के एब्बे गेट के नजदीक हुआ है। अमेरिका के नागरिक और सैनिक (मरीन कमांडो) भी शामिल हैं। तालिबान ने इसे ‘आतंकी हमला’ बताते हुए हमले की निंदा की है।
रिपोर्ट्स में इस ब्लास्ट में 40 लोगों के मरने की बात कही गयी है जिनकी संख्या और ज्यादा हो सकती है। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। तालिबान के प्रवक्ता ज़ब्बीउल्लाह ने इसे ‘आतंकी हमला’ बताया है। तालिबान ने कहा कि उसने अमेरिकी सेना को इस खतरे को लेकर पहले ही आगाह किया था।
अमेरिका के अधिकारियों ने काबुल एयरपोर्ट पर अपने देश के लोगों को जाने से बचने की लिए कहा है। आशंका जताई जा रही है कि इन ब्लास्ट के पीछे आईएसआईएस का हाथ हो सकता है, हालांकि, इसकी अभी कोई पुष्टि नहीं की है।