कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने सोमवार (4 मई) को केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार पैसे-पैसे को परेशान और मजबूर होकर घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों से किराया वसूल रही है।
सोनिया गाँधी ने कहा कि हमारे कामगार और मजदूर हमारी अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ हैं। सरकार को इस समय मज़दूरों की मदद करनी चाहिए, न कि उनसे किराये की वसूली करनी चाहिए।
इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रवासी मजदूरों का उनके राज्यों में आने का ट्रेन ख़र्च कांग्रेस द्वारा उठाये जाने का ऐलान किया। सोनिया गाँधी ने कहा कि कांग्रेस ने फ़ैसला लिया है कि हर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ज़रूरतमंदों और प्रवासी मजदूरों के रेल टिकट का ख़र्च उठाएगी।
उन्होंने केंद्र सरकार पूछा कि आख़िर उसकी क्या ज़िम्मेदारी है? सोनिया गाँधी ने कहा कि कोरोना संकट के कारण लाखों प्रवासी मजदूर और कामगार परेशान होकर अपने-अपने घरों को लौट रहे हैं। इस समय न तो उनके पास पैसा है और न ही खाने-पीने की व्यवस्था। ऐसे में उन्हें फ्री ट्रांसपोर्ट की सुविधा दी जानी चाहिए, लेकिन सरकार उनसे किराया वसूल रही है।
उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार इस तरह की स्थिति हमारे सामने आयी है। उन्होंने पूछा कि सरकार अपनी ज़िम्मेदारी कब समझेगी?
सोनिया ने कहा कि गुजरात में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के आने पर 100 करोड़ रुपये ख़र्च किये गये और रेलवे द्वारा पीएम केयर्स फंड में 151 करोड़ रुपये दिये गये हैं। लेकिन मुसीबत में फँसे हमारे ही देश के प्रवासी मजदूरों को मुफ़्त ट्रेन सुविधा तक मुहैया नहीं करायी जा रही है।