कवयित्री मधुमिता शुक्ला की वर्ष 2003 में हत्या के दोषी ठहराए गए उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और गैंगस्टर से नेता बने अमरमणि त्रिपाठी को जेल अच्छे आचरण के आधार पर रिहा किया जाएगा।
अमरमणि त्रिपाठी को उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मायावती सरकार में बहुजन समाज पार्टी प्रमुख के दाहिने हाथ के रूप में देखा जाता था। त्रिपाठी ने इस केस में शुरू से ही कहा था कि उनका इस हत्या से कोई लेना-देना नहीं है। किंतु सीबीआई द्वारा किए गए डीएनए परीक्षण के बाद उनके इंकार को खारिज कर दिया गया था। और यह साफ हुआ था कि जिस वक्त मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या की गर्इ थी उस समय उनके गर्भ में जो बच्चा था वो अमरमणि का था।
आपको बता दें, मधुमिता शुक्ला कविता की दुनिया में जाना-पहचाना नाम बन चुकी थी और 9 मई 2003 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गर्इ थी। उनका शव लखनऊ के निशातगंज इलाके में उनके घर पर पाया गया था। मधुमिता केवल 24 साल की थी और अमरमणि त्रिपाठी की प्रेमिका थी।