कर्नाटक में कांग्रेस के दो और विधायकों के इस्तीफे हुए हैं जिसके बाद कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर ख़तरा और ज्यादा बढ़ गया है। इस्तीफा देने विधायकों की संख्या अब १८ हो गयी है। कांग्रेस इस मसले पर हमलावर हो गयी है और उसने संसद से लेकर सड़क तक विरोध के स्वर तेज करते हुए भाजपा हाईकमांड पर पैसे के जोर पर सरकार गिराने का आरोप लगाया। उधर गोवा से भी खबर है कि वहां कांग्रेस के १० विधायक ”बागी” हो गए हैं।
उधर कई मौकों पर कांग्रेस के संकटमोचक रहे डीके शिवकुमार मुम्बई में होटल में ”ठहराए” गए कांग्रेस विधायकों से नहीं मिल पाए। उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और खबर कि उन्हें जबरदस्ती बेंगलुरु भेजने की तैयारी कर ली गयी है। बुधवार को कांग्रेस विधायक एमटीबी नागराज और के सुधार ने इस्तीफा दिया है।
गोवा से भी खबर आ रही है कि वहां कांग्रेस के १० विधायक ”बागी” तेवर दिखा रहे हैं। अभी तक मुताबिक यह विधायक पाला बदल सकते हैं। वहां सरकार भाजपा की ही सरकार है लेकिन उसका बहुमत बहुत कम विधायकों पर ही टिका है।
आज सुबह कर्नाटक के सियासी संकट के बीच मुंबई से बेंगलुरू और दिल्ली तक राजनीतिक हलचल दिखी। कांग्रेस के संकटमोचक डीके शिवकुमार ”बागी” विधायकों से मिलने मुंबई पहुंचे लेकिन उन्हें होटल के भीतर ही जाने नहीं। शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने उस होटल में कमरा बुक किया है लेकिन उन्हें भीतर नहीं जाने दिया जा रहा। इस बीच वे विरोध में पांच घंटे तक बारिश के बीच होटल के बाहर इंतजार करते रहे। इस बीच मुंबई पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
दिल्ली से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी संकट टालने के इरादे से बेंगलुरू पहुंचे। भाजपा पर आरोप लगाते हुए राजभवन के बाहर वे अन्य नेताओं के कर रहे थे जब पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
फिलहाल २२४ सदस्यीय विधानसभा में जेडीएस-कांग्रेस सरकार अल्पमत में दिख रही है और उसके सामने अस्तित्व बचने का संकट खड़ा हो गया है। अब तक गठबंधन के १८ एमएलए इस्तीफा दे चुके हैं। यदि सभी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो विधानसभा की वर्तमान सदस्य संख्या कम हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा भी। इससे भाजपा के बहुमत साबित करना आसान हो जाएगा। फिलहाल सभी की नजर स्पीकर पर टिकी है। वे ८ विधायकों के इस्तीफे खारिज कर चुके हैं जिसे इन विधायकों ने कोर्ट में चुनौती दी है।