राजधानी में बुधवार शाम को हुई 2 घंटे मूसलाधार वर्षा से एक ओर तो लोगों को तपती गर्मी से राहत मिली है। लेकिन 2 घंटे की वर्षा से हमारी तमाम सरकारी व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।तहलका संवाददाता ने डीटीसी की एसी और नॉन एसी बसों में हाल देखा तो, बुरा हाल ही था।
बसों में वर्षा का पानी टपक रहा था।यात्री परेशान थे। बसों में टपकते पानी को लेकर बस के कंडक्टर सुमित चौहान और ड्राईवर केशव सैनी ने बताया कि डीटीसी की पुरानी एसी और नॉन एसी की हालत बहुत ही जर्जर है। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही और अनदेखी का नतीजा ही है जो जर्जर हालत बसों में सवारी यात्रा करने को मजबूर है। उनका कहना है कि ये बसे 15 साल पुरानी है। इनकी सीटों और छत की हालत बुरी है। फिर भी सड़कों पर बसों को चलाया रहा है।
अक्सर बसें सड़कों पर खराब हो जाती है। जिससे जाम लगता है। और यात्रियों का बस वालों से झगड़ा भी होता है। उनका कहना है कि सरकार भी एक साथ दो नियम बनाती है एक तो सरकार के लिये अलग और जनता के लिये अलग तभी तो निजी वाहन जो 15 साल पुराने अगर वे सड़कों पर होते है तो उनके कागज देखे जाते है।
तमाम तरह से परेशान किया जाता है और तो और मोटा चालान भी काटते है। वही सरकार की 20 साल से पुरानी बसें जो धुआं छोड़ती है और रेंगती है। उन पर कोई कार्रवाई तक नहीं होती है। यात्रियो ने बताया कि दिल्ली में कोई भी ऐसा रूट नहीं है जहां पर पुरानी एसी और नॉन एसी बसों की हालत खराब न हो। जिसके कारण यात्रियों को परेशानी नहीं होती हो। क्योंकि दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों से लोग इन बसों में यात्रा करते है।
बताते चलें दिल्ली में ब्लू एसी बसों के चलने से लोगों को तो राहत मिली है। लेकिन ये बसें बहुत ही कम रूट पर उपलब्ध है। जबकि कलस्टर बसों की हालत दिन व दिन जर्जर होती जा रही है।