कोरोना के नये स्वरूप ओमिक्रोन से देश–दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं फ्रांस में अब कोरोना वायरस का नया वैरिएंट आईएचयू मिलने से स्वास्थ्य महकमा सकते में है। आई एम ए के पूर्व संयुक्त सचिव डॉ अनिल बंसल का कहना है कि कोरोना को लेकर देश–दुनिया ने जो लापरवाही बरती है। उसी का नतीजा है कि कोरोना के नये-नये स्वरूप सामने आ रहे है।
डॉ बंसल का कहना है कि पहले कोरोना फिर जीका, डेल्टा, ओमिक्रोन के बाद अब आईएचयू नामक वैरिएंट पाया गया है। और आने वाले समय में और भी वैरिएंट आने की संभावना है। इसका मतलब ये है कि कोरोना का विकट रूप लगातार जारी है।
दिल्ली स्टेट प्रोग्राम ऑफीसर एवं कोरोना विरोधी अभियान के प्रमुख डॉ भरत सागर का कहना है कि सर्दी–जुकाम को हल्कें में न लें। बुखार होने पर डॉक्टरों से परामर्श करें। ताकि किसी प्रकार का कोई वायरस हम पर हावी न हो सकें।
आयुर्वेदाचार्य डॉ दिव्यांग देव गोस्वामी का कहना है कि कोरोना के नये नये वैरिएंट सामने आ रहे है। और लोगों को अपनी चपेट में ले रहे है। जिन्होंने दोनों वैक्सीनेशन करवाया है। डॉ गोस्वामी का कहना है कि कुछ लोगों ने जिन्होंने दोनों डोजो को लगवाया है वे अपने आप में फ्री होकर घूमने लगे थे। कि कोरोना अब उनको नहीं होगा। जबकि सच्चाई तो ये है कि कोरोना उनको भी हो रहा है। उनका कहना है कि वैक्सीनेशन से बचाव तो हो रहा है। लेकिन वैक्सीनेशन रामबाण नहीं है।
रहा सवाल नये वैरिएंट आईएचयू का तो ये भी धीरे–धीरे देश–दुनिया में फैलेगा। अगर डेल्टा, ओमिक्रोन के साथ आईएचयू वैरिएंट का एक साथ मिश्रण होता है। तो निश्चित तौर पर भयावह परिणाम सामने आ सकते है। इसलिये ज्यादा से ज्यादा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें जरूरी हो तो ही घर से निकलें अन्यथा घर पर ही रहें।