सीबीआई टीम, जो गुड़िया हत्याकांड और आरोपी सूरज सिंह की हिरासत के दौरान मृत्यु की जांच कर रही थी, ने गुरुवार को पुलिस के पूर्व अधीक्षक डी डब्ल्यू नेगी को गिरफ्तार कर लिया है।
एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी ने अनुसार संदिग्ध की हिरासत में मौत के संबंध में जांच एजेंसी के एकत्रित ‘महत्वपूर्ण’ सबूत के आधार पर यह गिरफ्तारी की है।
याद रहे आईजीजी जहर ज़ैदी सहित आठ पुलिस अधिकारियों को इसी मामले में दो महीने पहले गिरफ्तार किया गया था।
जब ये मामला उजागर हुआ था तब नेगी शिमला में पुलिस अधीक्षक थे और शुरूआत में ज़हूर जैदी के तहत एक एसआईटी की स्थापना से पहले जांच की निगरानी कर रही थी। इससे पहले सितंबर 2017 में सीबीआई ने पूछताछ के लिए नेगी और अतिरिक्त एसपी भजन दास नेगी को दिल्ली भेजा था।
बुधवार को सीबीआई ने स्थानीय अदालत में एक आवेदन में आईजीजी ज़हूर ज़ैदी, डीएसपी मनोज जोशी और एसएचओ कोटखै राजेंद्र सिंह सहित आठ गिरफ्तार पुलिसकर्मियों के आवाज के नमूने लेने की अनुमति मांगी थी।
कोटिहाई पुलिस थाने में हिरासत की मौत के मामले में एक दिन बाद 1 जुलाई को उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई को मामला सौंप दिया गया था। शिमला पुलिस ने दावा किया था कि सूरज सिंह को एक और संदिग्ध राजेंद्र सिंह, उर्फ राजू, ने लॉक-अप में मार दिया था।
सोलह वर्षीय गुडिया, जो एक प्रतीकात्मक नाम है, 4 जुलाई को स्कूल से लौटते समय गायब हो गयी थी। उसका शरीर दो दिनों के बाद महासु के नजदीक हीलाला जंगलों से मिला था जो की उसके स्कूल से करीब 2 किमी दूर था।
पुलिस द्वारा स्थापित एसआईटी ने 13 जुलाई को बलात्कार और हत्या के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया था। नेपाल के नागरिक और दो नाबालिगों के पिता सूरज सिंह 18 जुलाई की रात को हिरासत में मारे गए थे।