दिल्ली भाजपा आगामी 2022 के दिल्ली नगर निगम के चुनाव (एमसीडी) को लेकर अभी से कमर कस रही है ताकि चुनाव में जीत का परचम लहराता रहे । इसी के मद्देनजर भाजपा ने पहले जिला अध्यक्षों, मंडल अध्यक्षों के बाद अब प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों की सूची जारी कर कार्यकर्ताओँ को साफ संकेत दिया गया है कि चुनाव नजदीक आ रहे है, पार्टी के साथ –साथ जनता की समस्याओं पर ध्यान दो और काम करों। वैसे इस बार पार्टी के पदाधिकारियों में सांसदों और विधायकों को दूर रखा गया है। बताते चले कि दिल्ली में जब से अरविन्द केजरीवाल ने राजनीति में कदम रखा है , तब से वो दिल्ली की सियासत में एक मजबूत नेता बनकर उभरे है। ऐसे में भाजपा को अब ये लगने लगा है कि अगर आप पार्टी ने एम.सी.डी में दिल्ली विधानसभा चुनाव की तरह जीत का परचम लहराना शुरू कर दिया तो, भाजपा को दिक्कत हो सकती है।
सूत्रों का कहना है कि कोरोना काल में आर्थिक मंदी से भाजपा की हालत पतली हुई है। ऐसे में अब भाजपा को अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के लिये कड़ी मेहनत करनी होगी। हालांकि राम मंदिर निर्माण और हाल ही में आये बाबरी मस्जिद ढांचा के मामले में भाजपा नेताओं पर जो आरोप लगे थे। उससे भाजपा के नेता सब बरी हो गये है। जिससे भाजपा गदगद है। बता दें कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव 2020 में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला था ।लेकिन 2017 के एम.सी.डी के चुनाव में कांग्रेस के पार्षद चुनाव जीत कर आये थे। अब इस बार एम.सी.डी के चुनाव में कांग्रेस का सीधा मुकाबला आप और भाजपा से है। कांग्रेस का कहना है कि आप और भाजपा की जनविरोधी नीतियों से दिल्ली का विकास रूका है। भाजपा और आप कोरोना को रोकने में असफल हुई है। जिससे दिल्ली में मामले बढ़े है।