उत्तर प्रदेश की सियासत का मिजाज बदला-बदला सा

उत्तर प्रदेश के पहले चरण के मतदान को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाँक चौबंद है। 10 फरवरी को होने वाले पहले चरण के चुनाव को लेकर प्रत्याशियों ने अपनी जीत को पक्का करने के लिये जनता से अपील की है। कि एक बार उनको ही चुने।

बता दें चुनाव में भले ही बसपा, कांग्रेस अपनी जीत को लेकर हरसंभव प्रयास कर रही है। लेकिन असल में चुनाव भाजपा और सपा के बीच में है। सपा और भाजपा के बीच मुकाबला को देखते हुये नोएडा और गाजियाबाद के किसानों ने बताया कि भाजपा जब से सत्ता में आई है। तब से कुछ न कुछ गरीब जनता विरोधी काम हो रहे है।

किसानों का कहना है कि भाजपा ने 2016 में नोटबंदी करके गरीबों की कमर तोड़ी है। और अमीरों को फायदा पहुंचाया है। किसान मंगल सिंह का कहना है कि 2020 नवम्बर से 2021 नवम्बर तक किसानों का आंदोलन चला, कृषि कानून के विरोध में। केन्द्र सरकार ने जो किसानों को आश्वासन दिये थे। कि किसान अपना आंदोलन समाप्त कर दें। उनकी मांगों को मान लिया जायेगा। लेकिन आश्वासन जो दिये गये थे उनको पूरा नहीं किया गया है। जिससे किसानों में नाराजगी है।

वहीं भाजपा का कहना है कि कुछ लोग तो विरोध करते है और करते रहते है। लेकिन चुनाव में जीत भाजपा को ही मिलेगी और सरकार भाजपा ही मनाएंगी।सपा का कहना है कि इस बार साईकिल चल रही है। सपा का मानना है कि महगांई और बेरोजगारी से युवा नाराज है। इसलिये जनता सपा को ही मौका देगी।

मौजूदा सियासी दौर में तो एक बात जो निकल कर आयी है उससे तो ये साफ है कि जो भी चुनाव परिणाम हो, लेकिन प्रदेश की सियासत का मिजाज बदला–बदला सा है।