उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होना है जिसका प्रचार आज शाम पांच बजे थम जाएगा। तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को होना है। सात चरण में होने वाले होने वाले तीसरे चरण के मतदान को लेकर अब यहां की सियासत आरोप -प्रत्यारोपों के साथ जातीय और धार्मिक समीकरण साधने में लगी है।
प्रदेश की राजनीति के जानकार सुभाष चन्द्र का कहना है कि चुनाव में जो सियासी दलों ने एक राजनीतिक समीकरण साधने के लिये सपा और भाजपा के बीच चुनाव दिखाया है। उससे ये पूरी तरह से स्पष्ट है कि भाजपा को अगर मौजूदा दौर में किसी दल से सबसे अधिक नुकसान की संभावना है तो वो कांग्रेस पार्टी से है।
वहीं बसपा से सबसे अधिक खतरा सपा को है। क्योंकि सपा के समर्थक और नेता ये मानते और जानते है। कि जब भी बसपा की सरकार आयी है। तब बसपा के शासन काल में सपा के नेताओं को सबसे ज्यादा दिक्कत आयी है। सपा के समर्थक भी ये मानते है। बसपा के शासन काल में विशेष एक जाति को परेशान भी किया जाता है।
तीसरे चरण के मतदान के बाद ही प्रदेश की राजनीति का अनुमान लगाया जा सकता है। क्योंकि अभी दो चरणों के मतदान से सही स्थिति पता लगाना मुश्किल है। तीसरे चरण में कासगंज, हाथरस, फिरोजाबाद ,एटा,कानपुर देहत, कानपुर नगर, जालौन, मैनपुरी,फर्रूखाबाद,कन्नौज,इटा वा,औरैया, हमीरपुर, महोबा, , झांसी और ललितपुर जिलों में चुनाव होने है।