उत्तराखंड के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने की घटना में 100 से 150 लोगों की जान जाने का आशंका है। यह बात उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कही है। ाव तक 3 लोगों के शव मिले हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी कुछ देर पहले घटनास्थल पर पहुंचे हैं। एनडीआरफ की टीम मार्च कर चुकी है जबकि आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें वहां राहत कार्य में जुटी हैं। लोगों को नदी किनारे जाने से सख्त मन किया गया है।
मुख्य सचिव ने तबाही को लेकर कहा है कि 100 से 150 लोगों के बहने की आशंका है जबकि 3 लोगों के शव अब तक मिल चुके हैं। यह प्राकृतिक आपदा चमोली जिले के तपोवन इलाके की है जहाँ रविवार की देर रात ग्लेशियर फटने से बाढ़ आ गयी। इससे ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है और उसका बड़ा हिस्सा तबाह हो गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत कुछ देर घटनास्थल अधिकारियों से सारे नुक्सान की जानकारी ली है। रावत ने कहा कि आपदा से प्रभावित दो कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे मजदूरों की जान बचाने के लिए पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल और आईटीबीपी की टीमें काम कर रही हैं। अब तक तीन शव बरामद हुए हैं।
ग्लेशियर टूटने से बड़ी तबाही आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 13,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित ग्लेशियर के टूटने से जोशीमठ से करीब 24 किलोमीटर पैंग गांव में रविवार की रात ग्लेशियर टूटने से बाढ़ आ गयी। कई लोगों के इसमें फंसने की खबर है। इसके अलावा धोली नदी में अचानक आई बाढ़ से ऋषि गंगा बिजली परियोजना को जबरदस्त नुकसान के खबर है। एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचना शुरू हो गई हैं।
जानकारी के मुताबिक 11 मैगावाट के ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को नुकसान पहनने के अलावा उसमें काम करने वाले कई लोग भीतर फंसे होने की खबर है। पूरे नुक्सान की कोई अधिकृत जानकारी अभी नहीं है। बाढ़ से कई झूला पुल भी इलाके में बह गए हैं। एनटीपीसी के निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाढ़ जल विद्युत प्रोजेक्ट के डैम साइड बराज साइट को भी नुकसान होने की जानकारी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रशासन ने अलकनंदा नदी और धौली नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया है क्योंकि वहां की तरफ बढ़ का पानी जा रहा है। लोगों को वहां से हटने को कहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने घटना पर गहरी चिंता जताई है और प्रशासन से लोगों की हरसंभव मदद को कहा है। उन्होंने लोगों को अफवाहों की तरफ ध्यान न देने की अपील की है। सीएम ने आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव और डीएम चमोली से घटना की पूरी जानकारी ली है और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
उत्तराखंड सरकार ने सभी संबंधित जिलों को अलर्ट कर दिया है। चमोली जिला प्रशासन, एसडीआरएफ के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर हैं और लोगों से अपील की है कि गंगा नदी के किनारे न जाएं।