सुप्रीम कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका को सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि, हर मशीन में दुरूपयोग की संभावना बनी रहती है और हर सिस्टम पर संदेह भी जताया जा सकता है। और यह कहते हुए उन्होंने बैलेट पेपर इस्तेमाल करने की याचिका को ठुकरा दिया।
वकील मनोहर लाल शर्मा ने ईवीएम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। और इस पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। शर्मा ने अपनी याचिका में कहा था कि बैलट पेपर से ही चुनाव होने चाहिए, हम कानून के लिहाज से बात कर रहे हैं। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 61 (a) को चुनौती दी थी, जिसमें बैलट पेपर की जगह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम से मतदान कराए जाने का प्रावधान किया गया है।“
शर्मा की याचिका के मुताबिक इस प्रावधान को संसद से मंजूरी नहीं मिली है और इसके जरिए अभी तक कराए गए सभी चुनाव अवैध हैं। और कोर्ट से उन्होंने कहा है कि सब जगह बैलेट के जरिए फिर से मतदान कराया जाना चाहिए।
आपको बता दें, कुछ वर्ष पहले देश के कई राजनीतिक दलों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे साथ ही सुप्रीम कोर्ट में कई पार्टियों ने ईवीएम के खिलाफ याचिका भी दाखिल की थीं। और मांग की थी कि ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर के जरिए मतदान करने संबंधी आदेश चुनाव आयोग को जारी किए जाए।