ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एएसआई को सर्वे की इजाजत दे दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि, इससे किसी को नुकसान नहीं। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने सर्वे को रोकने की मांग की थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला जज के आदेश को बरकरार रखा है। और मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, “मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। मुझे विश्वास है कि एएसआई सर्वेक्षण के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी और ज्ञानवापी मुद्दा सुलझ जाएगा।”
बता दें, वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 21 जुलाई को चार महिलाओं की याचिका के आधार पर एएसआई सर्वे का आदेश दिया था। याचिका में दावा किया गया था कि ये यह निर्धारित करने का एकमात्र तरीका है कि ऐतिहासिक मस्जिद हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी या नहीं।
मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर के ठीक बगल में स्थित है। एएसआई ने 24 जुलाई को सर्वे शुरू किया था लेकिन मस्जिद समिति के संपर्क करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कुछ ही घंटों के भीतर इस पर रोक लगा दी थी।
वहीं दूसरी तरफ मस्जिद समिति ने तर्क देते हुए कहा था कि संरचना एक हजार साल से अधिक पुरानी है और कोई भी खुदाई इसे अस्थिर कर सकती है यह गिर सकता है।