नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी (एनआरसी) आंदोलन के दौरान कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोपी जेल में बंद डॉ. कफील खान को हाईकोर्ट से जमानत मिल गयी है और उन्हें रिहा करने के आदेश दिए गए हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कफील पर यूपी सरकार के लगाए गए एनएसए को भी गलत बताते हुए इसे हटा दिया है। यही नहीं अदालत ने उन्हें जेल में डालने को भी गलत बताया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि कफील को जेल में डालना भी बुरा था। अदालत ने उन्हें तुरंत रिहा करने के भी आदेश दिए हैं। उन्हें कथित रूप से सीएए के विरोध के बीच 13 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया गया था।
मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने कफील खान की मां नुजहत परवीन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर यह फैसला मंगलवार को दिया। याद रहे 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कफील खान की मां की अर्ज़ी पर 15 दिन में फैसला लेने को कहा है। कफील अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ बयान देने के आरोप में एनएसए के तहत जेल में बंद हैं। उनके ऊपर तीन बार एनएसए बढ़ाया गया है।
बता दें कफील की पत्नी ने ट्विटर पर अपने पति की रिहाई को लेकर 4 अगस्त को एक मुहिम चलाई थी, जिसे लोगों का काफी समर्थन मिला था। कफील की पत्नी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कफील के समर्थन में गुहार भी लगाई थी।