पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के राजनीतिक भाग्य का आज फैसला होगा जब वहां की नेशनल असेंबली में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश होगा। इस घटनाक्रम से पाकिस्तान में जबरदस्त राजनीतिक हलचल है। सेना, जो पाकिस्तान की राजनीति में बराबर का दखल रखती है, भी इस घटनाक्रम पर नज़र रखे हुए है।
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होगी जिसके बाद सदन के अध्यक्ष असद कैसर आज के एजेंडे पर कार्यवाही शुरू करेंगे। गुरुवार रात नेशनल असेंबली का सत्र का 15 सूत्री एजेंडे जारी किया गया है उसमें इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी शामिल है।
कुल 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में, इमरान खान को सरकार बचाने के लिए 172 सदस्यों के समर्थन की ज़रुरत रहेगी। एक दिन पहले ही इमरान खान ने एक बयान में कहा था कि वो किसी भी परिस्थिति में इस्तीफा नहीं देंगे। लेकिन यदि अविश्वास प्रस्ताव में वे हार जाते हैं तो उन्हें कायदे से इस्तीफा देना पड़ेगा।
इमरान खान की कुर्सी के लिए इसलिए ख़तरा महसूस किया जा रहा है क्योंकि हाल में उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) में कुछ असंतुष्ट सांसदों ने खुलकर उनके खिलाफ आवाज़ उठाई है। यह भी रिपोर्ट्स हाल में सामने आई हैं कि सेना भी उनसे बहुत ज्यादा ‘खुश नहीं’ है।
सरकार के गठबंधन में सहयोगी यदि अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष का साथ देते हैं तो इमरान खान को दिक्कत पैदा हो सकती है। कुछ सहयोगी विपक्ष का साथ देने की बात कह चुके हैं। और भी दिलचस्प यह है कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने कल ही कहा है कि इमरान खान के खिलाफ अविश्वास की कार्यवाही के दौरान सदस्यों के डाले वोटों की गिनती नहीं करना ‘अवमानना’ होगा। उनका यह ब्यान संसद सदस्यों के दलबदल के संदर्भ में है।
इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और भुट्टो/ज़रदारी की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की तरफ से आया है। इन विपक्षी दलों के करीब 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था।
इस नोटिस में इन दलों के सांसदों का आरोप है कि पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है। उनका आरोप है कि इमरान खान सरकार देश के मुद्दों पर काबू करने में नाकाम साबित हुई है और जनता में नाराजगी है।