पाकिस्तान में सत्ता के बदलाव के एक महीने के ही भीतर ही ‘दोस्ती’ की बात फिर होने लगी है। चर्चा है कि पाकिस्तान के नए बजीरे-ए-आजम इमरान खान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिठ्ठी लिखकर इसी महीने न्यूयार्क में होने वाली यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली (यूएनजीए) की बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात करवाने का आग्रह किया है ! पकिस्तान के विदेश मंत्री एसएम कुरैशी ने पिछले महीने दावा किया था कि पीएम मोदी ने इमरान को पीएम बनने की बधाई के साथ-साथ बातचीत का प्रस्ताव भी दिया है।
दो रोज पहले ही बीएसएफ के जवान का बेरहमी के कतल कर देने की घटना के बीच दोस्ती के इस निमंत्रण को लेकर देश में चर्चा छिड़ गयी है। कुछ जानकार भारतीय जवान के इस बर्बर क़त्ल की इस घटना को सेना का इमरान पर दबाव बनाने का प्रयास के रूप में भी देख रहे हैं। इमरान की मोदी को चिठ्ठी का दावा अंग्रेजी अखबार ”टाइम्स ऑफ इंडिया” की रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इमरान ने मोदी को लिखे पत्र में इस बैठक में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बीच बैठक की वकालत की है।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान चाहता है कि इस मीटिंग के दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्री आपस में मिलकर आगे के रिश्ते पर बात करें। इमरान ने अपने पत्र में उस दोतरफा बैठक को बहाल करने का समर्थन किया है जो दिसंबर २०१५ में शुरू की गई थी हालाँकि पठानकोट एयरबेस पर आतंकवादी हमले के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था। वैसे इमरान के पीएम बनने के बाद मोदी ने इमरान को बधाई पत्र लिखा था।
गौरतलब है कि शपथ ग्रहण के बाद इमरान ने कहा था कि किसी भी अन्य व्यक्ति के मुकाबले भारत को बहुत अच्छे से जानते हैं। उन्होंने कहा था कि वह चाहते हैं कि भारत एक कदम आगे बढ़ाये तो वो दो कदम बढ़ाएंगे। फिलहाल भारत की तरफ से किसी भी तरह की दोस्ती या वार्ता को लेकर साफ़ कहा गया था कि जब तक पकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद को समर्थन करना बंद नहीं करता उससे कोइ बात नहीं होगी।