वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से यूं तो हर सेक्टर ठप हो गया है सिवाय मेडिकल सेक्टर के। इसमें भी सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर की बात करें तो वह ऑटो सेक्टर है। इतिहास में पहली बार वित्तीय वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल में ही किसी भी कंपनी की कोई भी कार नहीं बिकी है। यानी इस सेक्टर की कमाई शून्य रही है। इससे सीधे और परोक्ष रूप से करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं, जो बुरी तरह से प्रभावित हैं।
अब लाॅकडाउन 3.0 में कुछ रियायत के चलते कहीं-कहीं काम की शुरुआत की जा रही है, पर खौफ बरकरार है। कम्पनियों का कहना है कि महामारी के चलते उत्पाद न के बराबर हुआ है और बिक्री तो शून्य पर आ गई है। थम चुकी अर्थव्यवस्था को सरकाने के लिए सरकार ने प्रतिबंधों में रियायत दी है। वाहन उद्योग की संस्थाओं ने सरकार से ऑटो सेक्टर को पूरी तरह से चालू करने की मांग की है। एक अनुमान के मुताबिक, वाहन उद्योग को रोजाना औसतन 2,300 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो रहा है।
मारुति सुजुकी और हुंडई समेत देश की टॉप कार निर्माता कंपनियों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते अप्रैल में उनका कोई वाहन नहीं बिका। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी पूरे एक महीने के दौरान कंपनियों का एक भी वाहन न बिका हो। महामारी पर रोकथाम के लिए देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसके कारण वाहन कंपनियों का उत्पादन और बिक्री नेटवर्क पूरी तरह से बंद है। इस दरमियानप कंपनियां कुछ वाहनों का निर्यात ही कर पाईं हैं।
मारुति सुजुकी इंडिया ने बताया कि घरेलू बाजार में अप्रैल 2020 में उसने एक भी वाहन की बिक्री नहीं की। हालांकि, बंदरगाहों के खुलने के बाद कंपनी ने मूंदड़ा बंदरगाह से 632 कारों का निर्यात किया है। इस दौरान सभी सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन किया गया। हुंडई मोटर्स भी चेन्नई स्थित विनिर्माण संयंत्र से मात्र 1,341 वाहनों का निर्यात किया गया।