चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक चांद के और करीब पहुंच गया है। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने बताया कि यदि चंद्रयान-3 का सेंसर और दोनों इंजन काम करना बंद भी कर देंगे तो भी विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होगा।
इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने एक कार्यक्रम में बताया कि, “विक्रम लैंडर का पूरा डिजाइन इस प्रकार तैयार किया गया है कि यह विफलताओं को संभालने में सक्षम है। बशर्ते प्रोपल्शन सिस्टम अच्छी तरह काम करता रहे।”
बता दें, 17 अगस्त को चंद्रयान-3 के लिए बेहद खास दिन है क्योंकि चंद्रयान-3 चाँद के 100 किलोमीटर के ऑर्बिट में पहुंच जाएगा। और उसी दिन प्रोपल्शन मॉडल और लैंडर एक दूसरे से उसी दिन अलग भी हो जाएगा।
18 और 20 अगस्त तक लैंडर मॉडल अपनी स्पीड कम करेगा और डी-ऑर्बिटिंग करने का प्रयास करेगा। इसके बाद चंद्रयान-3 चांद के 100 गुना 30 किसी के ऑर्बिट में पहुंच जाएगा। और यदि चंद्रयान-3 इन सभी स्तर को पार करता है तो 23 अगस्त को शाम 5.45 बजे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की कोशिश करेगा।
इसरो ने बताया कि, 23 अगस्त को शाम 5.45 मिनट पर चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने का प्रयास करेगा। चंद्रयान-3 अपने साथ विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को लेकर गया है। इस मिशन में विक्रम लैंडर का महत्वपूर्ण रोल है। यह रोवर को लेकर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। लैंडिंग के बाद रोवर चांद के सतह पर पानी और रसायनों की खोज करेगा।