उम्रकैद (लाइफ टर्म) की सजा काट रहे आसाराम (बापू) को हाईकोर्ट से मंगलवार बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी सजा पर रोक की गुहार वाली आसाराम की याचिका खारिज कर दी। यही नहीं, कोर्ट ने आसाराम की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी है।
आसाराम पर बलात्कार और हत्या का मामला है और इसी मामले में वह राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद है। जोधपुर के ही आश्रम में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म का उसे २०१३ में दोषी करार दिया गया था। जोधपुर की अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
फैसले को देखते हुए जोधपुर जेल के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। वहां पहले से ही निषेधाज्ञा लागू थी। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक साबरमती नदी के किनारे एक झोंपड़ी से शुरुआत करने से लेकर देश और दुनियाभर में ४०० से अधिक आश्रम बनाने वाले आसाराम ने चार दशक में १० हज़ार करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया था।
आसाराम और चार अन्य सहआरोपियों के खिलाफ पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत छह नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया था। पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नजदीक मनाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था।
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी। फैसले के बाद पीड़िता के पिता ने कहा – ”हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और हमें खुशी है कि न्याय मिला।” उन्होंने कहा कि परिवार लगातार दहशत में जी रहा था और इसका उनके व्यापार पर भी काफी असर पड़ा।