पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरूवार को संसद के ऊपरी सदन (राज्य सभा) में आर्थिक सर्वेक्षण सदन के पटल पर रखा। इसके अनुसार सरकार ने वर्ष २०१९-२० के वित्त वर्ष के लिए वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। याद रहे सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर का जो अनुमान जताया था, वह उससे कम रही थी।
सरकार शुक्रवार को संसद में पूर्ण बजट भी पेश करने। इससे एक दिन पहले सरकार ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे राज्यसभा में पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण में वर्ष २०१९-२० के लिए आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।
सर्वे में भारत के दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते में आने वाली चुनौतियों का जिक्र किया गया है। दुनिया भर में चल रही मंदी का भी इसमें जिक्र है।
यह सर्वे मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने तैयार किया है।
आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष २०१९ का राजकोषीय घाटा ५.८ फीसदी रहा जबकि वित्त वर्ष २०१८ में यह ६.४ था। सर्वे में वित्त वर्ष २०१९-२० में ७ फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है।
आर्थिक सर्वे में तेल की कीमतों में कमी का अनुमान लगाया गया है। सर्वे में कहा गया है कि वैश्विक ग्रोथ रेट कम होने और व्यापार पर बढ़ती अनिश्चितता का असर निर्यात पर देखने को मिल सकता है। सर्वे में जीडीपी ग्रोथ में बढ़ोतरी देखने को मिली है। ये प्राइवेट निवेश और उपभोग बढ़ने के कारण हुआ है।
इस सर्वे में कहा गया है कि जीएसटी और फार्म स्कीम ने ग्रोध को धीमा किया है।
आर्थिक सर्वे को लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन के सवा एक बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की सम्भावना है।