आज से जीएसटी, पीएफ, टैक्स, बैंक नियम सहित कई बदलाव

नए वित्त वर्ष (आज) से देश में कुछ बड़े बदलाव लागू हो रहे हैं। इनमें आम आदमी को प्रभावित करने वाला सबसे बड़ा यह है कि अब पीएफ खाते में सालाना 2.5 लाख रूपये से ज्यादा जमा होने पर ब्याज आय पर टैक्‍स लगेगा। सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ के खाते में टैक्स फ्री जमा की सीमा 5 लाख रुपये सालाना रखा गयी है।  इसके अलावा टैक्स, बैंकों के नियम, जीएसटी सहित कई क्षेत्रों में बदलाव हुए हैं या नए नियम लागू हो गए हैं।

घर खरीदना भी अब थोड़ा महंगा हो रहा है। घर खरीदने वालों को केंद्र सरकार पहली धारा 80ईईए के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलना बंद हो रहा है। पोस्ट आफिस की लघु बचत योजना में निवेश करने वालों के लिए बड़े बदलाव हो रहे हैं। पहली अप्रैल से पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम, टर्म डिपॉजिट अकाउंट्स और सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के ब्याज का पैसा बचत खाते में ही मिलेगा। पोस्ट ऑफिस जाकर कैश में ब्याज का पैसा नहीं लिया जा सकेगा।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने जीएसटी के तहत ई-चालान जारी करने के लिए टर्नओवर की लिमिट को पहले तय लिमिट 50 करोड़ रुपये से कम करके 20 करोड़ रुपये कर दिया है।

अब सेविंग खाते से लिंक करा लेने पर ब्याज की राशि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ट्रांसफर हो जाएगी। बता दें कि सरकार ने एमआईएस, एससीएसएस, टाइम डिपॉजिट खातों के मामले में मासिक, त्रैमासिक और सालाना ब्याज जमा करने के लिए बचत खाते के उपयोग को आवश्यक कर दिया है।

इसके अलावा आज से सरकार ने मौजूदा पीएफ अकाउंट को दो भागों में बांट दिया है, जिस पर अब टैक्स भी लगेगा। अब ईपीएफ अकाउंट में 2.5 लाख की राशि तक टैक्स फ्री योगदान का कैप लगाया जा रहा है। अगर इससे ज्यादा योगदान हुआ तो ब्याज आय पर टैक्स लगेगा। वहीं, सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ में टैक्स फ्री योगदान की सीमा 5 लाख रुपये सालाना रखी गयी। है

साथ ही आज से एक्सिस बैंक ने मिनिमम बैलेंस की सीमा 10 हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दी है। एक्सिस बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक अब चार ही फ्री ट्रांजैक्शन होंगे। वहीं, नए वित्त वर्ष में पंजाब नेशनल बैंक पीपीएस  लागू करने जा रहा है। चार अप्रैल से 10 लाख और उससे अधिक के चेक के लिए वेरिफिकेशन जरूरी होगा।

इसके अलावा म्यूचुअल फंड में निवेश के नियम में भी आज से बदलाव हो रहा है। बदलाव के मुताबिक पहली अप्रैल से म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए ग्राहक सिर्फ यूपीआई या नेट बैंकिंग के जरिये ही पेमेंट कर सकेगा।