पिछले 8 दिनों से चल रही बेस्ट कर्मचारियों की हड़ताल वापस लेने की घोषणा के बाद ,आज मुंबईकरों ने राहत की सांस ली । बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के चलते हड़ताली कर्मचारियों के संगठनों ने यह घोषणा की। यह हड़ताल बेस्ट के इतिहास में सबसे लंबी हड़ताल के तौर पर जानी जाएगी।
अपनी मांगों को लगातार नजरअंदाज किए जाने से नाराज़ बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाइ ऐंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) के लगभग 35 हजार कर्मचारीयों ने अपनी मांगे मनवाने के लिए हड़ताल का सहारा लिया था जिसके चलते लगभग 25 लाख मुंबईकरों को आठ दिनों तक दिक्कतों का सामना करना पड़ा।हालांकि उनकी मदद के लिए एस टी बस, स्कूल बस और प्राइवेट बसें भी चलाई गईं। बेस्ट प्रशासन ने हड़ताल रोकने के लिए हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ मेस्मा के तहत कार्रवाई करते हुए ,उन्हें बेस्ट द्वारा दिए गए आवास खाली करने की नोटिस भी दे दी थी लेकिन कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े रहे।
बेस्ट कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में बेस्ट बजट को बीएमसी (बृहन्मुंबई म्युनिसीपल कोर्पोरेशन) के मूल बजट में शामिल किए जाने के साथ – साथ कर्मचारियों की भर्ती, वेतन , लंबित दीवाली बोनस और उनके आवास आदि से जुड़े मसले हैं।
बेस्ट कृती समिति के अध्यक्ष शशांक राव के अनुसार हाई कोर्ट ने बेस्ट प्रशासन को वेतन बढ़ाने के संबंध में निर्देश दिए हैं और इसे लागू करने के लिए सरकार को तीन महीने का समय दिया है। बेस्ट प्रशासन सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच समन्वय के लिए एक रिटायर्ड जज की नियुक्ति की गई। अब हड़ताल कर्मचारियों के खिलाफ में इस मेस्मा के तहत कार्रवाई नहीं की जाएगी।