रूस के एक यात्री विमान में आग लगने के बाद उसे मॉस्को के शेरेमेट्येवो हवाईअड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी, हालांकि इस हादसे में ४१ लोगों की जान जाने की खबर है। मरमांस्क जा रहे खोई सुपरजेट १०० एयरक्राफ्ट विमान में कुल ७८ लोग सवार थे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं। प्रधानमंत्री दिमित्री मेदददेव ने हादसे की जांच के लिए विशेष समिति बनाने के आदेश दे दिए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक ३७ लोगों की जान बचाई गयी है जबकि ११ यात्री घायल हैं। तकनीकी खराबी के बाद इसमें आग लग गयी जिसके बाद इसकी इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी। रूस की स्वास्थ्य मंत्रालय प्रमुख वेरोनिका स्क्वोर्तसोवा ने एक बयान में कहा – ”छह घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिनमें से तीन की हालत गंभीर है।”
रूसी जांच समिति ने एक बयान में कहा – ”विमान में क्रू सदस्यों समेत कुल ७८ लोग सवार थे। इनमें से ३७ लोग बचाए जा चुके हैं जबकि ११ घायल हैं जिनमें दो-तीन की हालत गंभीर है। जांचकर्ताओं ने कहा कि वे अलग-अलग एंगल्स से जांच कर रहे हैं और हादसे की वजह के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक विमान में आग लगने की सूचना मिलते ही हालात पर काबू पाने के लिए लैडिंग के तुरंत बाद बचावकर्मियों की टीम मौके पर पहुंच गई। विमान ने उड़ान भरते ही आग लगने की सूचना भेजी और उसके बाद इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश शुरू की गई। लेकिन विमान अपनी पहली कोशिश में लैंडिंग नहीं कर सका. लेकिन दूसरी बार विमान लैंड करने में सफल रहा। फ्लाइटराडर २४ ट्रैकिंग सेवा के अनुसार उड़ान भरने के लगभग ४५ मिनट बाद इमरजेंसी लैंडिंग करने से पहले विमान दो बार मास्को के ऊपर से गुजरा था।
गौरतलब है कि सुखोई सुपरजेट १०० सोवियत युग समाप्त होने के बाद रूस का पहला नागरिक एयरक्राफ्ट था। साल २०१२ में डेमो फ्लाइट के दौरान इंडोनेशिया में एक सुखोई सुपरजेट १०० सीधे एक पहाड़ से जा टकराया था जिससे सभी ४५ यात्रियों की जान चली गयी थी। इस विमान को देश से बाहर कोइ खरीदार नहीं मिला।