गरीबी, भुखमरी और अज्ञानता भी किसी बीमारी से कम नहीं है। ऐसे ही मामले दिल्ली के तमाम इलाकों में देखे जा सकते हैं। कोराना वायरस के कहर को रोकने के तमाम प्रयास सरकार कर रही है। वहीं शासन और प्रशासन की अनदेखी के कारण सुबह-सुबह घरों से कचरा उठाने वालों पर किसी का कोई ध्यान नहीं है। ये कचरा उठाने वाले नाबालिग मुंह में बिना मास्क लगाये और हाथों में दस्ताने पहने बिना कचरा हाथ से उठाकर अपनी ठेली में जाते हैं। तहलका संवाददाता ने सुबह ही कचरा उठाने वालों से बात की और उन लोगों से भी बात की है, जो इस समय में दिल्ली कोरोना वायरस को लेकर जागरूकता अभियान के नाम पर दिखावा कर रहे हैं। कचरा उठाने वाले एस. कुमार (बदला हुआ नाम) ने बताया कि गरीबी के कारण और उनका मां-बाप वर्षों से यही काम करते आ रहे हैं। ऐसे में उनको इस काम करने में कोई दिक्कत नहीं होती है, इसलिए वो किसी डर के घरों से कचरा उठाते हैं।
यहीं हाल पांडव नगर में सुबह से ही कचरा उठाने वाली बदला नाम लक्ष्मी ने बताया कि उनको पहले एक -दो दिन तो मास्क मिले हैं, पर अब नहीं दिये जा रहे हैं। लक्ष्मी ने बताया कि उनको बीमारी से ज्यादा भुखमरी से डर लगता है, क्योंकि एक तो वो समाज में उपेक्षित हैं और कोई उनसे बात करने को तैयार नहीं है, तो अपने पास कैसे बैठाएगा? जैसा भी है अब उनको तो काम करना ही है। लक्ष्मी ने बताया कि उनको सही मायने में ये भी पता नहीं है कि कोरोना वायरस बीमारी क्या है?
जागरूकता अभियान चलाकर कोरोना वायरस के नाम पर लोगों को मास्क और हाथों के दस्ताने बांटने वाले डीसी ने बताया कि उन्होंने जब तक मास्क बांटे हैं, जब तक उनके पास थे, पर अब नहीं हैं। इसलिए नहीं बांट रहे हैं।
पाडंव नगर के गली नम्बर 9 के जे ब्लॉक में इस समय हॉट स्पॉट के नाम पर पूरी गली सील है। वहीं पर सुबह सुबह से कचरा उठाने वाले ठेली घंटों खड़ी रहती है। इसी ब्लॉक में रहने वाले राज ने बताया कि सरकार एक ओर तो लॉकडाउन कर सोशल डिस्टेंस के नाम पर काफी सख्ती से पालन करवा रही है वहीं पर कचरा वाला बिना मास्क और हस्ताने के घरों में जा जाकर दरवाजों को खटखटाकर और घरों की वैल बजाकर कूड़ा उठा रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने का काफी खतरा है। पर सरकार की कोई भी एजेंसी ऐसी नहीं है, जो इन कूड़ा वालों पर रोक लगा सके, जो काफी घातक है। इस बारे में डॉ गिरीश त्यागी का कहना है कि अज्ञानता भी एक बीमारी है। क्योंकि अज्ञानता और जागरूकता के अभाव में तमाम बीमारी आसानी से लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। इसके कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने लगती है। उन्होंने बताया कि मौजूदा दौर में इस समय लोगों को सबसे ज्यादा खतरा अगर किसी को है, तो वो इस संक्रमण से है। दिल्ली एमसीडी में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को तो मास्क और हाथों में दस्ताने लगाकर साफ करने के लिये पूरी सुविधा दी जा रही है। लेकिन वहीं पर कूड़ा-कचरा उठाने वालों को न जाने क्यों मास्क और दस्ताने नहीं दिये जा रहे हैं? सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार ने बताया कोरोना वायरस के नाम पर अब स्थानीय लोग राजनीति करने लगे हैं। कुछ लोगों को भंडारा खिलाकर सोशल मीडिया में वाह- शवाह लूट रहे हैं। पर हकीकत में जो सही मायने में संक्रमण फैला सकते हैं, उन पर किसी का कोई ध्यान नहीं है। बताते चले दिल्ली में शायद ही ऐसी कोई गली हो जहां पर ये कूड़ा-कचरा उठाने वाले सुबह-सुबह से कूड़ा उठाते देखे न जाते हों, जो लोगों के लिये काफी डर और भय का कारण बने हुये हैं।