विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में खासी धूम (25 नवंबर) मचाई। बाबरी ध्वंस के पहले यह चेतावनी रही। अगले ही साल इलाहाबाद (प्रयागराज) में कुंभ मेला लगेगा। इसमें पूरे देश में लाखों तीर्थयात्री जुटेंगे। इसी मेले में विश्व हिंदू परिषद को अयोध्या राम मंदिर के लिए अपनी योजना जग जाहिर करनी है। उधर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के सर संघ चालक मोहन भागवत ने कहा कि केंद्र सरकार ऑर्डिनेस लाए या संसद में कोई कानून पास करे लेकिन अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाना चाहिए।
विहिप से जुड़ी साधु संतों की एक बड़ी सभा में मुस्लिमों से अपील की गई कि वे रामजन्म भूमि की जमीन पर अपना दावा खत्म कर दें जिससे राम मंदिर निर्माण का काम जल्द शुरू हो सके। निर्मोही अखाड़ा के राम जी दास ने कहा कि राम मंदिर निर्माण की तिथि की घोषणा 2019 के कुंभ मेले में की जाएगी।
बाबरी ध्वंस के 25 साल के छह दिसंबर को समापन के पहले ही विहिप ने यह आयोजन चेतावनी बतौर अयोध्या में आयोजित किया था। इसमें विहिप के नेता, संघ परिवार के अलग-अलग संगठनों के नेता कार्यकर्ता और ‘धर्म सभाÓ के साधु-संत इक_े थे। मंदिर निर्माण के लिए तैयार खंभों पर विहिप कार्यकर्ता खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे और सेल्फी भी बना रहे थे।
हालांकि अयोध्या नगर के वासियों में राममंदिर निर्माण या राज्य के मुख्यमंत्री की ओर से सरयू नदी पर घोषित संसार की सबसे ऊँची भव्य राममूर्ति के निर्माण को लेकर कोई उत्साह नजऱ नहीं आता। चित्रकूट के पद्म विभूषण जगतगुरु भद्राचार्य ने कहा कि उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार के एक मंत्री ने यह जानकारी दी है कि जैसे ही राज्य विधानसभाओं के नतीजे आ जाएंगे। उसके बाद ही सरकार अध्यादेश ला सकती है। तब तक केंद्रीय मंत्रिमंडल तमाम पहलुओं से आपस में राय-मश्विरा पूरा कर लेगा। प्रधानमंत्री खुद भी इस मामले पर निरंतर विचार कर रहे हैं।
अयोध्या में यह आयोजन बड़ा भक्त माल की बगिया मैदान में हुआ। इस सभा में विहिप और संघ परिवार के कई सौ कार्यकर्ता मौजूद थे। स्वामी भद्राचार्य ने कहा कि अब कोई भी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं रोक सकता। इस रैली में अंतरराष्ट्रीय विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष चंपत राय भी थे। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में जिस तरह राम जन्मभूमि का बटवारा किया है, उसे हम विकास, शांति और समाज में खुशहाली के लिहाज से बटने नहीं देना चाहते। हमें जैसे ही उस ज़मीन पर अधिकार मिलेगा। हम उसे कतई बंटने नहीं देंगे। बल्कि उसका पूरा इस्तेमाल हम मंदिर के भव्य निर्माण में करना चाहेंगे।
विहिप के इस आयोजन में दो दर्जन विभिन्न संप्रदायों के साधु -संत इक_े हुए थे। यह दावा किया गया था कि इस रैली में दो लाख श्रद्धालु इक_े होंगे। लेकिन मैदान भी नहीं भर सका।