सुनकर थोड़ा अजीब लगता है, क्योंकि अमेरिका की प्रसिद्धि बेसबॉल, रेसिंग, बास्केटबॉल या एथलेटिक्स जैसे खेलों में रही है, क्रिकेट में तो बिलकुल ही नहीं। कई लोगों को शायद पता ही नहीं होगा कि इसी जुलाई में वहाँ भारत के आईपीएल जैसी टी-20 की क्रिकेट लीग होने वाली है, जिसका नाम मेजर लीग क्रिकेट (एमएलसी) रखा गया है। और भी दिलचस्प यह है कि अमेरिका में इस लीग में जो छ: फ्रेंचाइजी टीमें हिस्सा ले रही हैं, उनमें से आईपीएल में खेलने वाली मुम्बई इंडियन सहित चार भारतीय फ्रेंचाइज की टीमें भी होंगी।
हाँ, इनमें खिलाड़ी वह नहीं होंगे, जो हमारे यहाँ आईपीएल टीम का हिस्सा हैं; लेकिन मालिक वही होंगे, जैसे कि एमएलसी में खेलने वाली मुम्बई इंडियन टीम की मालकिन नीता अम्बानी होंगी। और भी दिलचस्प यह है कि आईपीएल में, तो पाकिस्तान का कोई खिलाड़ी नहीं खेलता; लेकिन एमएलसी में भारतीय फ्रेंचाइज की टीमों में तीन ऐसे खिलाड़ी हैं, जो पाकिस्तान के लिए खेल चुके हैं। अमेरिका में क्रिकेट लोकप्रिय हो, इसके लिए वहाँ के क्रिकेट अधिकारियों ने जाने माने डब्लयूडब्ल्यूई सुपर स्टार जॉन सीना को अमेरिकन क्रिकेट का ब्रांड एम्बेसडर बनाया है। अमेरिका में क्रिकेट का जूनून धीरे-धीरे बढ़ रहा है। अन्यथा वहाँ क्रिकेट को किसी समय वक्त बर्बाद करने वाला खेल माना जाता था। हालाँकि अब वहाँ क्रिकेट बेसबॉल या बास्केटबॉल जैसे खेलों की तरह लोकप्रियता लेता दिख रहा है।
मुंबई इंडियंस की मालकिन नीता अंबानी ने एमएलसी में टीम की भागीदारी पुख़्ता होने के बाद कहा- ‘मुंबई इंडियंस के परिवार में न्यूयॉर्क टीम का स्वागत करके काफ़ी ख़ुशी हो रही है। अमेरिका में पहली क्रिकेट लीग में भाग लेकर हम मुंबई इंडियंस को वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित कर सकेंगे। यह मुंबई इंडियंस के लिये नयी शुरुआत है और मुझे इसका इंतज़ार है।’ ऐसा ही विचार अन्य भारतीय फ्रेंचाइजी का भी है। यह कहा जा सकता है कि मुम्बई इंडियंस भारतीय क्रिकेट की सबसे बड़ी निजी वैश्विक फ्रेंचाइजी है, क्योंकि उनकी अब तक मुंबई इंडियंस आईपीएल (भारत), एमआई केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका 20),एमआई अमीरात (आईएलटी 20), मुंबई इंडियंस डब्ल्यूपीएल (भारत) के बाद अमेरिका में भी फ्रेंचाइजी हो गयी है।
अमेरिकी क्रिकेट में नये युग की शुरुआत तब हुई, जब 20 मार्च को ह्यूस्टन में उन छ: टीमों का निर्णय हुआ, जो मेजर लीग क्रिकेट में हिस्सा लेंगी। आईपीएल के फ्रेंचाइजी मुम्बई इंडियंस की टीम एमआई न्यूयॉर्क, कोलकाता नाइट राइडर्स की लॉस एंजिल्स नाइट राइडर्स, चेन्नई सुपर किंग्स की टेक्सास (नाम अभी तय नहीं) हैं, जबकि दिल्ली कैपिटल्स ने सिएटल ऑरकास टीम के लिए दाँव लगाया है। अन्य दो टीमें सैन फ्रांसिस्को और वाशिंगटन फ्रीडम हैं।
इस अमेरिकन क्रिकेट लीग का उद्घाटन मैच 13 जुलाई को ग्रैंड प्रेयरी, टेक्सास में नवनिर्मित मेजर लीग क्रिकेट मैदान ग्रैंड प्रेयरी स्टेडियम में होगा। इस साल का सीजन 18 दिन तक चलेगा और इसमें कुल 19 मैच होंगे। फाइनल 30 जुलाई को होगा। वैसे एमएलसी मैचों का लुत्फ़ भारत के क्रिकेट प्रेमी स्पोट्र्स-18 पर उठा सकेंगे। वैसे अमेरिकी क्रिकेट की यूएसएक्रिकेट.ओआरजी के नाम से अपनी वेवसाइट भी है।
वैसे हाल के वर्षों में अमेरिका में कुछ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच आयोजित हुए हैं। हालाँकि क्रिकेट वहाँ अभी उतना लोकप्रिय नहीं हो सका है। इसके विपरीत अफ़ग़ानिस्तान जैसे देश की टीम आईसीसी विश्व कप में खेलने लगी है। यह दिलचस्प ही है किसी समय ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन रहे कई देश क्रिकेट खेलते हैं। अमेरिका भी था और इसे इस साम्राज्य से 1776 ईस्वी में आज़ादी मिली थी। क्रिकेट की शुरुआत 18वीं सदी में इंग्लैंड (यूनाइटेड स्टेट) से हुई थी। वैसे तो अमेरिका ने 1844 में कनाडा के ख़िलाफ़ पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेल लिया था; लेकिन इसके बाद वहाँ कुछ नहीं हुआ। अमेरिका में क्रिकेट की जगह इससे मिलते जुलते बेसबॉल को ज़्यादा लोकप्रियता मिली। गृह युद्ध से पहले जो थोड़ी बहुत क्रिकेट अमेरिका में चली थी, वह प्राथन विश्व युद्ध आते-आते ख़त्म ही हो गयी।
चंद मीडिया रिपोट्र्स में यह दावा किया गया था कि 2017 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने संयुक्त राज्य अमेरिका क्रिकेट एसोसिएशन को प्रशासन से कुछ समस्याओं की वजह से निलम्बित कर दिया था। हालाँकि एक साल बाद उस पर से यह पाबंदी हटा ली गयी। अब अमेरिका में क्रिकेट को लेकर शौक़ बढ़ता दिख रहा है। अमेरिका ने अपनी राष्ट्रीय टीम बना ली है। दुनिया की कुछ क्षेत्रीय टीमों ने हाल के वर्षों में वहाँ क्रिकेट खेली है।
अमेरिका में क्रिकेट को लेकर मेजर लीग क्रिकेट (एमएलसी) के निदेशक जस्टिन गिले का कहना है- ‘इन गर्मियों में विश्व क्रिकेट की नज़र मेजर लीग क्रिकेट पर होगी। इसमें इस खेल के सितारे तीन हफ्ते तक तेज़-तर्रार टी20 एक्शन में प्रतिस्पर्धा करेंगे।’ गिले को भरोसा है कि एमएलसी की शुरुआत अमेरिकी में क्रिकेट को बदल देगी और दुनिया के सबसे महान खिलाडिय़ों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए बेहतरीन मंच प्रदान करेगी। इससे अमेरिका में घरेलू प्रतिभाओं को उभरने का अवसर मिलेगा और इस खेल की लोकप्रियता नये स्तर पर जाएगी।
एमएलसी के निवेशकों की बात करें, तो इनमें अमेरिका के सफल व्यापारी शामिल हैं। इनमें डलास स्थित निवेशक रॉस पेरोट जूनियर और अनुराग जैन प्रमुख नाम हैं। जैन कहते हैं कि उन्हें गर्व है कि डलास के पास टेक्सास के लिए अपनी टीम होगी जो मेजर लीग क्रिकेट में जड़ें जमाएगी। यह टीम विश्व स्तरीय क्रिकेट खेलेगी। ग्रैंड प्रेयरी स्टेडियम, टेक्सास को क़रीब 20 मिलियन डॉलर की लागत से बनाया गया है, जिसमें क्रिकेट से जुड़ी विशिष्ट सुविधाएँ जुटाने की कोशिश की गयी है। इसमें 1,000 क्लब और प्रीमियम सीटें हैं और इसे 15,000 से ज़्यादा सीटों तक विस्तार देने की क्षमता है। दिलचस्प यह है कि अमेरिका के क्रिकेट अधिकारी 2024 की आईसीसी पुरुष विश्व कप के कुछ मैचों की मेज़बानी की कोशिश में भी जुटे हैं।
अमेरिका क्रिकेट एसोसिएशन (यूएसएसीए) वैसे 1965 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) सहयोगी सदस्य बन गयी थी। हालाँकि जून 2017 में यूएसएसीए को आईसीसी ने शासन और वित्तपोषण के मुद्दों के कारण निष्कासित किया था; लेकिन जनवरी 2019 में इसे आधिकारिक सदस्यता प्रदान कर दी गयी। अमेरिका ने इंग्लैंड में 1979 आईसीसी ट्रॉफी में अपने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की शुरुआत की थी। सन् 2004 में उसने आईसीसी सिक्स नेशंस चैलेंज जीता, जिसके बाद अमेरिका की टीम आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए क्वालीफाई कर गयी। फिर भी क्रिकेट वहाँ पनप नहीं पायी जैसी अफ़ग़ानिस्तान जैसे देश में मशहूर हो गयी।
भारतीय फ्रेंचाइजी के पाकिस्तानी खिलाड़ी
एमएलसी में तीन पाकिस्तानी खिलाड़ी भी भारतीय फ्रेंचाइजी के लिए खेलेंगे। इनमें एक हमाद आज़म हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के लिए 11 एक दिवसीय और 5 टी-20 खेले हैं। दूसरे एहसान आदिल हैं, जो पाकिस्तान के लिए 3 टेस्ट और 6 एक दिवसीय खेल चुके हैं। यह दोनों मुंबई इंडियन की टीम में होंगे। तीसरे सैफ बदर हैं, जो केकेआर लॉस एंजिल्स के लिए खेलेंगे। वह पाकिस्तान अंडर-19 टीम के लिए खेल चुके हैं और प्रथम श्रेणी में उनके नाम 21 मैचों में 979 रन हैं। उनके अलावा सामी असलम भी हैं, जिन्हें टेक्सास करियर ने टीम में शामिल किया है।
पाकिस्तानी खिलाड़ी सिर्फ एक बार 2008 में आईपीएल में खेले थे। उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों की कड़वाहट के कारण कभी नहीं खेले। अब तीन पाकिस्तानी खिलाडिय़ों को विदेश में भारतीय फ्रेंचाइज की टीमों से खेलने का अवसर मिला है। वैसे भारत के अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान रहे उन्मुक्त चंद भी भारत में अवसर नहीं मिलने के कारण ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश क्रिकेट लीग में मेलबर्न रेनेगेड्स के लिए खेलने वाले पहले भारतीय बने थे। अब 28 साल के हो गये, उन्मुक्त अमेरिका की टीम का हिस्सा हैं।