केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से पुल बनवाने की माँग करने वाला ग्राम प्रधान गिरफ़्तार
केंद्र सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री एवं अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी के क्रोध के चर्चे आजकल हर ओर हो रहे हैं। बीते दिनों अमेठी दौरे के समय उनका क्रोध एक पत्रकार की नौकरी खा गया, तो उनके दूसरे दौरे ने एक ग्राम प्रधान को हथकडिय़ाँ लगवा दीं।
कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी का क्रोध एवं घमंड दोनों ही चौथे आसमान पर रहते हैं। केंद्रीय मंत्री कभी राहुल गाँधी जी पर झूठे आरोप लगाती हैं, तो कभी किसी के साथ स्वयं अभद्रता करते हुए डराती हैं। वह जब सरकार में नहीं थीं, तब तो 350 रुपये के गैस सिलेंडर को लेकर धरने पर बैठती थीं; मगर जब वही गैस का सिलेंडर 1140 रुपये से अधिक में भरा जाने लगा, तब उन्हें कोई आपत्ति नहीं हुई। अब हार के डर से बार बार अमेठी आ रही हैं।
ग्राम प्रधान पर आरोप
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी 24 अगस्त को दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुँची थीं। अमेठी पहुँचकर उन्होंने सबसे पहले रंजीत सिंह नामक एक ब्लॉक प्रमुख की मृत्यु पर उनके घर जाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये एवं उनके परिजनों को सांत्वना दी। मगर दूसरी ओर उन्होंने अमेठी के जगदीशपुर के बहादुरपुर गाँव में जन सुनवाई सभा की, जिसमें मंगरा गाँव के ग्राम प्रधान इमरान ख़ान द्वारा लैटर पैड पर चमरोरा नदी पर पुल बनवाने की माँग करते ही केंद्रीय मंत्री ने प्रधान इमरान ख़ान को पुलिस से तत्काल गिरफ़्तार करवा दिया।
स्थानीय लोगों से प्राप्त जानकारी बताती है कि मंगरा के ग्राम प्रधान इमरान ने महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से जनसुनवाई सभा में जब कहा कि मैडम पुल बनवा दीजिए; वैसे ही उन्होंने कहा कि इमरान प्रधान तुम्हीं हो? प्रधान बनने के बाद देश-विरोधी गानों के साथ रैली निकालते हो? वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। देश विरोधी व्यक्ति कैसे यहाँ आ गया? यह कहते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पुलिस से कहती हैं कि इसे अंदर कीजिए। स्मृति ईरानी ने यह भी कहा कि अभी तो कार्यक्रम में हूँ। फ़ुरसत मिलेगी, तो इन पर विधिक कार्यवाही करवाएँगे।
केंद्रीय मंत्री के प्रति आक्रोश
ग्राम प्रधान को हथकड़ी लगवाने के मामले में अमेठी के लोगों ने केंद्रीय मंत्री स्मृति के प्रति आक्रोश है। केंद्रीय मंत्री के विरोध में सामने आए एक वीडियो में अमेठी के अधिकतर लोग महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर क्रोधित होते दिख रहे हैं। लोग महँगाई के साथ स्मृति के क्रोध एवं उनकी आदतों के विरुद्ध आवाज़ उठा रहे हैं। कहने वाले कहते हैं कि उन्हें अमेठी में आगामी चुनाव हारने का भय सता रहा है। इसलिए वह बार-बार अमेठी पहुँच रही हैं। मगर उनके बार-बार अमेठी पहुँचने से कोई लाभ होने के आसार नहीं हैं; क्योंकि स्मृति ईरानी स्वयं अपनी छवि को क्रोध की आग में जला रही हैं। पिछले दौरे के दौरान एक पत्रकार के प्रश्न पूछने पर केंद्रीय मंत्री इतनी क्रोधित हुईं कि उसकी नौकरी चली गयी।
अमेठी का चुनावी महत्त्व
अमेठी उत्तर प्रदेश का 72वाँ ज़िला है, जो कि कांग्रेस पार्टी के परिवार के उन नेताओं का गढ़ रहा है; जो केंद्र की सत्ता में रहे हैं। कहने वाले कहते हैं कि अमेठी कांग्रेस का दूसरा घर है, जहाँ से पीढ़ी-दर-पीढ़ी चुनाव लडऩे के लिए कांग्रेस परिवार का कोई-न-कोई सदस्य मैदान में उतरता है। इसे जनपद बनाने वाली उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती हैं। उन्होंने 2010 में अमेठी में सुल्तानपुर की तीन तहसीलों एवं रायबरेली की दो तहसीलों को मिलाकर इसे जनपद बनाया। इस जनपद का क्षेत्रफल 2,329.11 वर्ग किलोमीटर है, जहाँ वर्तमान में अनुमानित जनसंख्या 5,90,400 से अधिक बतायी जाती है। गाँधी परिवार की कर्मभूमि अमेठी से भारतीय जनता पार्टी की नेत्री स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गाँधी को हरा दिया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में अमेठी की जनता का रुख़ किधर रहता है, यह अभी से कहना आसान नहीं मगर इतना अवश्य है कि यहाँ लोग केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एवं उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के विरोध में खुलकर मुखर हो रहे हैं।