अमरनाथ यात्रा मार्ग पर शुक्रवार शाम हुई बादल फटने की घटना में मरने वालों की तादाद 15 पहुँच गयी है जबकि 40 श्रद्धालु अभी भी लापता हैं।
पुलिस और एनडीआरएफ अधिकारियों के मुताबिक घटना में कई टेंट और सामुदायिक रसोईघर नष्ट हो गए हैं। जम्मू कश्मीर प्रशासन के मुताबिक त्रासदी के कारण अमरनाथ यात्रा निलंबित कर दी गयी है और उसे बहाल का निर्णय बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद ही किया जाएगा।
घटनास्थल के आसपास फंसे अधिकांश यात्रियों को हेलीकॉप्टर की मदद से पंजतरणी शिफ्ट कर दिया गया है जिनके लिए रेस्क्यू तड़के 3.38 बजे तक चला। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित देश भर के नेताओं ने इस घटना पर गहरा शोक जताया है।
बचाव दल रात पर लोगों को बचने में लगा रहा। हादसे में अब तक 15 लोगों के शव मिले हैं जबकि 40 लोग अभी लापता हैं। इससे मरने वालों की संख्या ज्यादा हो सकती है। जो शव मिले हैं उनमें सात महिला, छह पुरुष और दो बच्चे हैं। अब तक करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। एक भी श्रद्धालु ट्रैक पर नहीं बचा है।
बादल फटने से आई बाढ़ में यात्रियों के लिए लगे टेंट और लंगर बह गए। रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है क्योंकि बादल फटने से आई बाढ़ के मलबे में लोग दबे हो सकते हैं। लोगों को वहां से हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू किया गया है।
याद रहे साल 1969 में भी ऐसे ही एक हादसे में करीब 100 अमरनाथ श्रद्धालु जान गँवा बैठे थे। साल 2017, 2018 और 2019 में अमरनाथ यात्रा के दौरान बस हादसे हुए थे जिनमें कई लोगों की जान चली गयी थी।