बुधवार को भाजपा के लिए एक के बाद बुरी ख़बरें आई हैं। पहले सुप्रीम कोर्ट में राफेल को लेकर सरकार की याचिका खारिज हुई और उसके बाद पीएम मोदी की बायोपिक फिल्म पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दी। अब आयोग के ही हवाले से जानकारी आई है कि ”नमो टीवी” पर भी रोक लगाई जा रही है। विपक्ष का आरोप था कि २४ घंटे के इस चैनल में पीएम मोदी और भाजपा का प्रचार किया जा रहा है।
चुनाव आयोग ने दोपहर ही पीएम मोदी पर बन रही बायोपिक की रिलीज पर रोक लगा दी थी। चुनाव आयोग ने अब कहा है कि यह आदेश पीएम मोदी के बायोपिक पर ही नहीं बल्कि नमो टीवी पर भी लागू होगा। नमो टीवी को लेकर टाटा स्काई ने अपने जवाब में कहा था कि नमो टीवी एक हिंदी न्यूज सर्विस है, जो राष्ट्रीय राजनीति पर ताजातरीन ब्रेकिंग न्यूज मुहैया कराती है। इस सर्विस प्रोवाइडर के ट्वीट से केंद्र सरकार के दावे पर सवाल उठे थे। एक प्रकार से टाटा स्काई ने ट्वीट कर सरकार के उस दावे का खंडन किया था, जिसमें नमो टीवी को महज एक विज्ञापन प्लेटफॉर्म बताकर पल्ला झाड़ लिया गया था।
नमो टीवी नाम का यह चैनल मार्च के दूसरे पखबाड़े अचानक लॉन्च हुआ, तब से इसे सत्ताधारी बीजेपी के ट्विटर हैंडल से लगातार प्रमोट भी किया जा रहा है। खुद पीएम मोदी भी चौकीदारों को संबोधित करने से जुड़े प्रोग्राम का इस टीवी पर प्रसारण होने की ३१ मार्च को सूचना दे चुके हैं।
विपक्ष के चुनाव आयोग पर निष्पक्ष न होने के आरोपों के बाद देश के नामी लोगों ने भी आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाये हैं। अब मतदान से पहले चुनाव आयोग सख्त हो गया है। ३१ मार्च को नमो टीवी देश की कुछ डीटीएच सर्विस पर लॉन्च हुआ था, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण, भारतीय जनता पार्टी का चुनावी प्रचार, मोदी सरकार की योजनाओं का बखान किया जा रहा है। इसको लेकर कांग्रेस और कई विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी।