सूत्रों के अनुसार जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग अप्रैल के अंत तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकता है। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने का भी फैसला ले सकती है। जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना देसाई, मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा व राज्य चुनाव आयुक्त के. के. शर्मा कर रहे है।
जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने विधानसभा सीटों को 83 से बढ़ाकर 90 कर दिया है। साथ ही आयोग ने अपनी रिपोर्ट में जम्मू क्षेत्र में 6 नर्इ असेंबली सीटें बढ़ाने की भी सिफारिश की है इन सीटों के नाम है ऊधमपुर, राजौरी, डोडा, कठुआ, सांबा और किश्तवाड़ है। इन सभी सीटों के बढ़ने के बाद असेंबली की सीटों की संख्या 37 से बढ़कर 43 हो जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ कश्मीर घाटी में एक नर्इ सीट का प्रस्ताव रखा गया है। जिसे मौजूदा कुपवाड़ा जिले से अलग करके बनाए जाने के अनुमान है। इसके बाद कश्मीर क्षेत्र में विधानसभा सीटों की संख्या 46 से बढ़कर 47 हो जाएगी।
आपको बता दे, जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग का पुनर्गठन 6 मार्च 2020 को किया गया था। अपनी रिपोर्ट सौपने के लिए इसे एक साल का समय दिया गया था। किंतु इस अवधि के अंतर्गत रिपोर्ट तैयार न हो पाने की वजह से केंद्र सरकार ने 2021 में इसे एक साल का एक्सटेंशन भी दिया था। फिर 6 मार्च 2022 को केंद्र सरकार ने इसे 2 महीने का विस्तार भी दिया।