मोदी सरकार के केंद्र में लोकपाल नियुक्त न करने के खिलाफ समाजसेवी अण्णा हजारे एक बार फिर बुधवार को महाराष्ट्र स्थित अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनशन पर बैठ गए। पिछले लम्बे समय से वे मोदी सरकार को यह नियुक्ति करने के लिए कह रहे थे।
अण्णा मोदी सरकार से कितने खफा हैं यह इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने महाराष्ट्र की भाजपा सरकार में मंत्री गिरिश महाजन को रालेगण सिद्धि आने से मना कर दिया है। अण्णा के अनशन करने की घोषणा के बाद से गिरिश महाजन दो बार रालेगण का दौरा कर चुके हैं। अण्णा के मुताबिक गिरिश महाजन ही वह मंत्री हैं जो पिछले साल २३ मार्च को दिल्ली में उनका अनशन तुड़वाने आए थे। ”अब नौ महीने बीत गए लेकिन कुछ नहीं हुआ। प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिखित भरोसा भी दिया लेकिन कुछ नहीं हुआ। सिर्फ आंकड़ों पर क्या होगा।”
वरिष्ठ समाजसेवी के एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई तेज करने से भाजपा में चुनाव से पहले बैचेनी महसूस की जा रही है। हज़ारे ने कहा कि भाजपा की सरकार चाहे राज्य में हो या केंद्र में, वे बड़ी बातें और झूठे वादे कर रहे हैं। ”इस बार अनशन तब तक चलेगा जब तक मोदी सरकार लोकपाल की नियुक्ति और स्वामीनाथन कमीशन के सुझाव को लागू नहीं करती।”
हज़ारे ने अनशन पर बैठने से पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और लोकपाल कानून को लागू न करने का आरोप लगाया। हजारे ने कहा कि लोकपाल कानून बने पांच साल से अधिक हो गए लेकिन सत्ता में आने के बाद से ही मोदी सरकार ने इस पर सिर्फ बहानेबाजी की है। उन्होंने ये भी कहा कि नरेंद्र मोदी के दिल में होता तो वह लोकपाल को जरूर लागू करते।