नियमित जांच न होने के कारण लोगों में बढ़ रहा मानसिक तनाव

कोरोना वायरस नामक विचित्र बीमारी ने सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य सहित पूरे सिस्टम को अस्त-व्यस्त इस कदर कर दिया है कि अब लोगों में कोरोना वायरस के साथ -साथ तमाम वे उलझनें सामने आ रही हैं, जिनकी उनको उम्मीद तक नहीं थी। दिल्ली में लोगों का हाल बेहाल है। लोग मानसिक रोग की चपेट में आ रहे हैं। स्वास्थ्य संबंधी तकलीफे लोगों को झझकोर कर रख दे रही हैं। लॉकडाउन होने के कारण और सोशल डिस्डेंस होने की वजह से लोगों में कोरोना वायरस के अलावा उन रोगियों में अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा डर सता रहा है। जो हार्ट, मधुमेह, मोटापा, अस्थमा और न्यूरों जैसी बीमारी का नियमित इलाज करा रहे थे। अब उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच नहीं हो पा रही है। इसके कारण वे मानसिक रोग के साथ उनका रोग और भी गंभीर होता जा रहा है। तहलका संवाददाता ने दिल्ली के डाक्टरों से बात की और इस समय बीमारियों से बचाव की जानकारी ली। तो उन्होंने बताया कि मौजूदा हाल में हालात ऐसे नहीं हैं कि कोरोना जैसे संक्रमण को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही बरती जाए। क्योंकि जरा सी लापरवाही काफी घातक हो सकती है। दिल्ली मेडिकल ऐसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ अनिल बंसल ने बताया कि भारत देश में 30 प्रतिशत सरकारी और 70 प्रतिशत प्राइवेट स्वास्थ्य सेवाओं के भरोसे हमारे देश का स्वास्थ्य सिस्टम चलता है। और इसमें भी आम आदमी को इलाज बेहत्तर मिलता भी रहा है। पर किसी को क्या पता था कि कोरोना वायरस सारी दुनिया के स्वास्थ्य सिस्टम को तोड़ कर रख देगा। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के कारण प्राइवेट स्वास्थ्य सेवायें बंद हैं। ऐसे में इन प्राइवेट अस्पताल में जिन रोगियों को इलाज होता था  उनको काफी दिक्कत हो रही है। डॉ बंसल का कहना है और सरकार से मांग है कि वे कोरोना के अलावा उन रोगियों के लिये पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था करें, ताकि किसी मरीज को इलाज के अभाव में कोई परेशानी का सामना ना करने पड़े।
साकेत स्थित मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डॉ विवेका कुमार ने कहा कि हार्ट रोगियों को नियमित जांच की जरूरत होती है। शुगर और बीपी की जांच भी जरूरी होती है। पर ऐसे समय में कोरोना वायरस के कहर के सामने रोगियों का घर पर ही रहना अच्छा है। डॉ. विवेका कुमार का कहना है कि पूरे देश से मरीज मैक्स में हार्ट का इलाज कराने आते है । पर इस समय लॉक डाउन के कारण आना जाना बंद है। ऐसे हालात में रोगियों को फोन पर ही बचाव की जानकारी दें रहे हैं, ताकि रोगी घर बैठे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकें।
कालरा अस्पताल के हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉ आर एन कालरा ने बताया कि कोरोना वायरस के कहर के कारण लोगों में एक भय है, और लॉकडाउन होने की वजह से ओपीडी बंद हैं । जिसके कारण रोगियों को दिक्कत हो रही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली जैसे महानगर में मोटापा और मधुमेह रोगियों को नियमित व्यायाम की जरूरत होती है। पर इस समय लॉकडाउन होने के कारण घरों से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। जिसके कारण कुछ लोगों में मानसिक तनाव और मानसिक विकार शिकायत होना स्वाभाविेक है। क्योंकि दिल्ली में ज्यादात्तर लोग अपने छोटे- छोटे, घरों में रहने को ही मजबूर हैं। एम्स के नैत्र रोग विशेषज्ञ डॉ आलोक कुमार का कहना है कि कोरोना वायरस एक घातक महामारी है। पर इसमें जरा सी सावधानी और साफ -सफाई पर ध्यान दिया जाये, तो कोरोना वायरस का खात्मा किया जा सकता है। डॉ आलोक कुमार ने कहा कि आंखों में और नाक में बार -बार हाथों को न लगाये । बार -बार साफ पानी से अपने हाथों को धोएं जिससे संक्रमण ना पनपने पाये।