
भारत में यूं तो कई मजदूर नेता हुए हैं लेकिन इनमें से एक ही दौर के दो लोग सबसे ज्यादा चर्चित रहे. इनमें पहला नाम है दत्ता सामंत का. उन्होंने बंबई के कपड़ा मिल मजदूरों की मांगों को लेकर 1982 में हड़ताल की थी. इसे एशिया में अब तक की सबसे बड़ी हड़ताल कहा जाता है. हालांकि इसके चलते कई मिलें हमेशा के लिए बंद हो गईं और तकरीबन अस्सी हजार मजदूरों को बेरोजगार होना पड़ा. इसी दौर के जो दूसरे सबसे चर्चित नेता रहे वे थे शंकर गुहा नियोगी. उन्होंने 1977 में असंठित क्षेत्र के मजदूरों का सबसे बड़ा आंदोलन खड़ा किया था. छत्तीसगढ़ के इस मजदूर नेता का आंदोलन सिर्फ हड़ताल तक सीमित नहीं था. अपने सामाजिक कार्यों की वजह से इसे आज भी दूसरे आंदोलनों के लिए अनुकरणीय माना जाता है.