यहां हम स्वास्थ तथा विभिन्न बीमारियों को लेकर फैली आम गलतफहमियों की चर्चा कर रहे हैं. तो कुछ और ऐसी ही गलतफहमियों की चर्चा हो जाए.
1. एंटीबायटिक्स ‘गरम’ करती हैं :
कोई इंफेक्शन हो जाए तो डॉक्टरों के हाथ में ‘एंटीबायटिक्स’ नाम का एक बड़ा कारगर हथियार है. वह निमोनिया, टायफायड, टीबी आदि हजारों बीमारियों का इलाज उचित एंटीबायटिक देकर करता है. और हम क्या करते हैं?
– हम यह मानते हैं कि एंटीबायटिक्स बड़ी ‘गरम’ दवाइयां हैं. डॉक्टर ने चार गोलियां लेने को लिखा है, हम दो ही लेते हैं. मानते हैं कि चार की जगह दो भी लेंगे तो थोड़ा कम ही सही पर काम तो करेंगी ही, गरमी भी कम होगी. ऐसा नहीं है.
हर एंटीबायटिक का एक तय ‘डोज’ होता है. जब तक रक्त में दवा का वह लेवल न पहुंचे यानी कि ‘मारक लेवल’ न बने, दवा बैक्टीरिया को नहीं मार पाती. इसी कारण एंटीबायटिक्स की उतनी ही गोलियां लिखी जाती हैं जितनी रक्त में उसको ‘मारक स्तर’ तक पहुंचा सके. कम गोली खाईं तो असर नहीं होगा.
इसे हम डॉक्टरी भाषा में ‘ऑल ऑर नन’ का खेल कहते हैं. या तो गोली पूरा काम करेगी, या बिल्कुल भी नहीं करेगी. ऐसा कभी नहीं होगा कि हम यदि स्वयं ही डोज कम करके एंटीबायटिक ले लेंगे तो वह थोड़ा ही सही परंतु कुछ न कुछ लाभ तो जरूर पहुंचाएगी. समझ लें और याद रखें कि एंटीबायटिक्स उसी डोज में लें, जिसमें डॉक्टर द्वारा बताई गई हो. वरना, लेना, न लेना बराबर.
– इसी सिद्धांत पर चलकर हम एंटीबायटिक्स उसी दिन बंद कर डालते हैं, जिस दिन बुखार उतरा या जो तकलीफ थी, वह कम हुई. यह तो और भी खतरनाक बात है. हम बैक्टीरिया को अधमरा छोड़े दे रहे हैं. उसकी आधी-पौनी फौज को ही मार के हमने अपने एंटीबायटिक के हथियार वापस धर दिए. तो जो दुश्मन जीवित बचे, वे अब नई तैयारी से, प्रतिरोध (एंटीबायटिक रेजिस्टेंस) के रक्षा कवच पहन कर वापस आक्रमण करेंगे. कुछ समय बाद आपको फिर तकलीफ होगी और तब ये ही एंटीबायटिक आप पर काम नहीं करेगी. याद रहे कि हर इंफेक्शन में दवाएं देने की समय अवधि अलग-अलग होती है. इस मामले में खुद का दिमाग न चलाएं. डॉक्टर की मानें.
– यह भी याद रहे कि एंटीबायटिक मात्र एक हथियार है. उसे चलाने वाला आपका शरीर है. शरीर की प्रतिरोधी शक्तियां यदि पहले ही बुढ़ापे, मधुमेह, एड्स, कुपोषण आदि के कारण कमजोर होंगी, तब एंटीबायटिक्स भी प्रभावी सिद्ध नहीं होंगी. हमें दवा की यह सीमा समझनी ही चाहिए और उचित खान-पान, व्यायाम आदि द्वारा शरीर मजबूत रखने की कोशिश करनी चाहिए.
I am surprised that no one commented on this. Yes, please. Keep this series going.