स्थापना दिवस पर कांग्रेस का ‘संविधान बचाओ-भारत बचाओ’

कांग्रेस का आज स्थापना दिवस है और १३५ साल पुरानी पार्टी इसे  ”संविधान बचाओ-भारत बचाओ” दिवस के रूप में मना रही है। दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी मुख्यालय पर ध्वजारोहण किया।

स्थापना दिवस कार्यक्रम में दिल्ली स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तिरंगा फहराया। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी नेता और सांसद राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता एके एंथनी, अहमद पटेल और अन्य नेता मौजूद हैं। सुबह पार्टी ने ट्वीट कर कहा – ”राष्ट्र के लिए बलिदान कांग्रेस पार्टी के लिए सबसे ऊपर है। हमारी स्थापना के समय से ही, स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान और आगे भी हमेशा सबसे पहले भारत है।”

उधर राहुल गांधी आज असम में सीएए विरोधी रैली की अगुवाई कर रहे हैं जबकि महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ में नेताओं को संविधान के शपथ दिलाई। कांग्रेस के वरिष्ठ  नेता शशि थरूर, पी चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल और पीसीसी चीफ मुल्लापल्ली रामचंद्रन भी राहुल के असम में मार्च में शामिल होंगे। राहुल आंदोलन के दौरान गुवाहाटी के निकट चायगांव में जान गंवाने वाले १६ साल के सैम स्टेफर्ड  और १७ साल के दीपांजल दास के परिवारों से भी मिलेंगे।

महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ में कांग्रेस के पैदल मार्च की कमान संभाली रही हैं। राजस्थान में ”संविधान बचाओ-भारत बचाओ” रैली का आयोजन किया गया जिसमें  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट पैदल मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। मार्च जयपुर के शहीद स्मारक से शुरु होकर पीसीसी कार्यालय पर जाकर समाप्त होगा।

मुंबई में कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने अगस्त क्रांति मैदान से लेकर गिरगांव चौपाटी के पास लोकमान्य तिलक की प्रतिमा तक मार्च निकाला। कांग्रेस महासचिव और महाराष्ट्र के प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्य इकाई के अन्य नेताओं ने मार्च में भाग लिया, जो अगस्त क्रांति मैदान के पास तेजपाल हॉल में ध्वजारोहण समारोह के बाद शुरू हुआ। इसी हॉल में १८८५ में कांग्रेस पार्टी की नींव रखी गई थी। मार्च से पहले अगस्त क्रांति मैदान में शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि दी गयी।

इस बीच दिल्ली के कार्यक्रम में राहुल गांधी ने नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर मोदी सरकार को घेरा और इसे दूसरी नोटबंदी बताया। राहुल ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि एनआरसी और एनपीआर नोटबन्दी नंबर २ हैं। इससे हिंदुस्तान के गरीबों को बहुत नुकसान होने जा रहा है। ”नोटबन्दी तो भूल जाइये, ये उससे दोगुना झटका होगा। इसमें हर गरीब आदमी से पूछा जाएगा कि वह हिंदुस्तान का नागरिक है या नहीं। लेकिन उनके जो १५ दोस्त हैं उनको कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”

उन्होंने आरोप लगाया कि एनआरसी और एनपीआर की प्रक्रिया से भी सरकार के कुछ पूंजीपति मित्रों” को फायदा होगा। गांधी ने देश में डिटेंशन कैंप नहीं होने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर भी उन पर निशाना साधा।