सामना के जरिए उद्धव ठाकरे ने फडणवीस पर साधा निशाना। दी सलाह, ‘देवेंद्र जी काम शुरू करो!’

महाराष्ट्र के महा विकास आघाडी सरकार के पहले बजट सेशन से पूर्व नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चाय पान के बहिष्कार पर शिवसेना ने फडणवीस को सलाह दी है कि वह काम शुरू करें और सवाल पूछा है बहिष्कार से संवाद कैसे होगा,?

विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोप कि राज्य की महा विकास आघाडी सरकार के दलों में आपस में कोई संवाद नहीं है और सबसे पहले वह आपस में संवाद स्थापित करें और फिर हमें चाय पान के लिए निमंत्रण दें, पर उद्धव ठाकरे का कहना है कि फडणवीस का आरोप हास्यास्पद है और फडणवीस को विरोधी दल के नेता के तौर पर लोकतांत्रिक परंपरा को कायम रखना चाहिए।

शिवसेना के मुखपत्र सामना के एडिटोरियल के जरिए उद्धव ठाकरे कहते हैं कि महाराष्ट्र की जनता इस बात का जवाब चाहती है, कि भारतीय जनता पार्टी के साथ हिंदुत्व के मुद्दे पर 25 साल साथ देने वाली शिवसेना से बीजेपी का संवाद क्यों टूटा?

नेता प्रतिपक्ष फडणवीस को असफल बताते हुए उद्धव कहते हैं कि नेता प्रतिपक्ष शैडो मुख्यमंत्री होता है और मुख्यमंत्री के जितने ही लोग उनके पास समस्याएं और जानकारी लेकर आते जाते रहते हैं। लेकिन फडणवीस इस काम में असफल दिखते हैं उनके पास अधूरी जानकारी है।

सामना आगे कहता है यदि संवाद की नीति बनाई रखी होती तो आज महाराष्ट्र की राजनीति की तस्वीर कुछ अलग होती इसलिए श्री फडणवीस महाविकास अघाड़ी को संवाद कुशलता का ज्ञान ना दें और संवाद कुशलता के लिए बीजेपी नेताओं के साथ रामभाऊ महालगी संस्था में शिविर मे शामिल हो जाएं।

संवाद पर ही तंज कसते हुए उद्धव कहते हैं,’ श्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री पद को दो बार विभूषित किया है । एक बार 5 साल और दूसरी बार 80 घंटे। इन 80 घंटों का अनुभव महत्वपूर्ण है क्योंकि 80 घंटों में राष्ट्रपति भवन ,राज भवन, गृह मंत्रालय, ईडी और सीबीआई से संवाद स्थापित करने के बावजूद महा विकास आघाडी का एक भी विधायक नहीं टूटा इसलिए तुम्हारी तुलना में हमारे बीच अच्छा संवाद है।’

भारतीय जनता पार्टी के पास खुद के 105 विधायक हैं और कोई उनके साथ दिखता नहीं ।

इन 105 में से 50 ऐसे हैं ,जो विचारों से बाहर ही है और विरोधी दल में रहकर काम करना उनके बस की बात नहीं।

बीजेपी पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए शिवसेना कहती है, भाजपा ने सत्ता का दुरुपयोग करके विरोधी दल खरीदी विक्री संघ खोला था। महा विकास आघाडी या मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कम से कम आज उस मार्ग से नहीं जाते दिख रहे। उन्होंने अगर विरोधी खेमे में बैठे ‘105’ लोगों से संवाद स्थापित किया तो विरोधी दल के नेता का क्या होगा ?

नागपुर में संघ के नेता भैयाजी जोशी ने एक हवाई घोषणा की। देवेंद्र फडणवीस बहुत समय तक विरोधी दल में नहीं रहेंगे ।उनके नाम के आगे लगा ‘पूर्व’ शब्द जल्दी निकल जाएगा! इस बयान से विरोधी दलों को मानसिक गुदगुदी जरूर हुई होगी लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा कुछ नहीं होगा। तो देवेंद्र जी विरोधी दल के नेता के रूप में काम शुरू करो, हम इतना ही सुझाव दे सकते हैं!