श्रीलंका में नए पुलिस चीफ, चीफ जस्टिस और रक्षा सचिव नियुक्त

राष्ट्रपति श्रीसेना ने चेहरा ढंकने पर भी प्रतिबंध लगाया

श्रीलंका में नए चीफ जस्टिस, नए पुलिस प्रमुख और रक्षा मंत्रालय के नए सचिव नियुक्त किये गए हैं। साथ ही किसी भी तरह से चेहरा ढंकने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने हाल में देश में हुए ब्लास्ट्स में २५३ लोगों की मौत के बाद यह कदम उठाये हैं।
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने इन बड़े बदलाव के आदेश जारी किये हैं। राष्ट्रपति ने सोमवार को नए चीफ जस्टिस के पद पर अटॉर्नी जनरल जयंथा जयसूर्या नियुक्त किया है। पूर्व आर्मी कमांडर जनरल एसएच शांथा कोट्टेगोडा को रक्षा मंत्रालय का नया सचिव नियुक्त किया। जयसूर्या ने राष्ट्रपति कार्यालय में चीफ जस्टिस के रूप में सोमवार को ही शपथ भी ले ली।
इसके अलावा सीनियर डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल सीडी विक्रमरत्ने को नया पुलिस प्रमुख बनाया गया है। राष्ट्रपति ने सॉलिसिटर जनरल दपुला डी लिवेरा को एक्टिंग अटॉर्नी जनरल और पूर्व आईजीपी एनके इलंगाकून को रक्षा मंत्रालय के लिए सलाहकार नियुक्त किया है। राष्ट्रपति ने पुलिस चीफ पुजिथ जयसुंदरा को सस्पेंड कर दिया है। जयसुंदरा ने बम धमाकों की खुफिया जानकारी मिलने के बावजूद विफलता की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था।
इसके अलावा राष्ट्रपति ने एक आदेश जारी कर देश में किसी भी तरह से चेहरा ढंकने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। सिरिसेना ने कहा कि उन्होंने आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए चेहरा ढंकने को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है। यह आदेश सोमवार से प्रभावी हो गया।
राष्ट्रपति कार्यालय के बयान के मुताबिक इस  प्रतिबंध का ताल्लुक देश की सुरक्षा से है। व्यक्ति का चेहरा ढंका होने से उसकी पहचान में मुश्किल होती है। लिहाजा अब कोई भी चेहरा ढंककर नहीं चल सकेगा। हाल ही में स्थानीय मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी महिलाओं से अपील की थी कि वे चेहरे को न ढंकें। इस्लामिक चरमपंथियों के  धमाके किए जाने के बाद देश का मुस्लिम समुदाय खौफ में है।
इस बीच प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि श्रीलंकाई सेना ने ईस्टर के दिन हुए फिदायीन धमाकों से जुड़े इस्लामिक चरमपंथियों पर कड़ी कार्रवाई की है। सेना ने कई चरमपंथियों को मार गिराया या फिर गिरफ्तार कर लिया है। देश वापस सामान्य हो रहा है। ”सरकार के पास इस्लामिक चरमपंथियों और देश में गैरकानूनी तरीके से रह रहे विदेशी धर्मगुरुओं के साथ सख्ती से निपटने के लिए कड़ा कानून है।”