राहुल की न्यूनतम आय की घोषणा

देश के २५ करोड़ लोगों को लाभ, साल भर में मिलेंगे ७२,००० रूपये  

लोक सभा चुनाव के लिए एक बड़ी घोषणा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को देश में गरीबी ख़त्म करने और आर्थिक रूप से समानता (इनकम गैप ख़त्म करने के लिए) की अपनी योजना का ऐलान करते हुए देश के २० प्रतिशत बिलकुल गरीब परिवारों को साल भर में ७२,००० रूपये की सुनिश्चित करने का वादा किया।
राहुल ने कहा कि पिछले तीन-चार महीने से इसे लेकर मंथन किया गया है और अगले चुनाव में कांग्रेस के सत्ता में आते ही इसे लागू कर दिया जायेगा और यह दुनिया की पहली ऐसी बड़ी योजना है। इससे योजना से देश के करीब २५ करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा। अब कांग्रेस इसे अपने घोषणा पात्र में शामिल करेगी।
एक तरह से इस योजना को ”मनरेगा पार्ट-२” कहा जा सकता है। मानो किसी व्यक्ति की मासिक आय ६,००० रूपये ही है तो उसका कानूनी अधिकार १२,००० रूपये मासिक कमाने का होगा। यानी बाकी के ६,००० रूपये मासिक उसे सरकार की तरफ से सुनिश्चित किये जायेंगे। जाहिर है इस योजना से बड़े पैमाने पर नौकरियों का भी रास्ता भी खुल जाएगा।
राहुल ने कहा की कांग्रेस ने व्यापक विमर्श के बाद इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है और पार्टी मानती है कि यदि अमीरों को सरकार (मोदी सरकार) करोड़ों दे सकती है तो सरकार वहीं पैसा गरीबों को क्यों नहीं दे सकती।
गांधी की इस बड़ी योजना के मुताबिक साल भर में करीब ७२,००० रूपये का लाभ हर गरीब को मिलेगा जो इस योजना के तहत आएगा। कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक करीब २५ करोड़ देशवासियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। राहुल ने कहा कि यह दुनिया की अपनी तरह की पहली ऐसी महत्वाकांक्षी योजना है और इसके लागू होने से देश में हर व्यक्ति को प्रति महीना १२,००० रूपये कमाने का कानूनी अधिकार मिल जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह योजना देश में गरीबी ख़त्म करने के लिए एक बहुत बड़ा कदम होगा। ”हमारा लक्ष्य देश में गरीबी को पूरी तरह ख़त्म कर देने का है। जिस तरह दुनिया भर के आर्थिक विशेषज्ञों से व्यापक विचार-विमर्श के बाद इस पर अमल का फैसला किया गया है उससे इसके रफाल रहने की १०० प्रतिशत गारंटी होगी।
राहुल की इस घोषणा को अगले चुनाव के लिहाज से ”मास्टर स्ट्रोक” माना जाएगा क्योंकि देश में अगले चुनाव के लिए बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। किसानों के लिए पहले से ही राहुल गांधी मैदान में डटे हैं और उन्हें किसानों के अधिकार की लड़ाई का सबसे बड़ा राजनीतिक अगुआ कहा जा सकता है। छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने किसानों के मुद्दे के बूते ही भाजपा को पटखनी दे दी और सरकार बनते ही १० दिन के भीतर जिस तरह किसानों की क़र्ज़ माफी का ऐलान हुआ उससे भाजपा, खासकर पीएम मोदी ने भी, किसानों को लेकर योजनाओं की झड़ी लगा दी।