राहुल-प्रियंका गांधी सहित कुल 5 को हाथरस जाने की इजाजत

सैकड़ों पुलिस कर्मियों की मौजूदगी से छावनी में बदले दिल्ली के साथ लगते डीएनडी में कांग्रेस के बड़ी संख्या में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को आखिर 5 लोगों के साथ हाथरस जाने की इजाजत दे दी गयी है। पुलिस ने उनकी गाड़ी रोककर उन्हें न जाने के बारे में कहा लेकिन राहुल ने कहा कि वो हर हालत में जाना चाहते हैं, जिसके बाद राहुल-प्रियंका के साथ कुल उनके कुल 5 लोगों को जाने की इजाजत दे दी है।
उनके साथ साथ किन नेताओं को ीाज्जात मिली है अभी पता नहीं है। दो दिन पहले गैंगरेप और हैवानियत की शिकार हुई 20 वर्षीय दिवंगत पीड़िता के परिजनों से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ मिलने हाथरस जाते हुए यूपी पुलिस के रोकने और उसकी धक्कामुक्की में ज़मीन पर गिरकर घायल हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रियंका गांधी कांग्रेस के 35 सांसदों के साथ दिल्ली से हाथरस के लिए निकल गए हैं। इन सांसदों में वरिष्ठ पार्टी नेता गुलाम नबी आज़ाद भी शामिल हैं।   उधर यूपी के डीजीपी भी यूपी के अपर मुख्य सचिव (गृह) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ घटना के बाद पहली बार पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे हैं।
दिल्ली से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश  महासचिव प्रियंका गांधी पार्टी के 35 सांसदों के साथ हाथरस के लिए निकल गए हैं। जिस रास्ते से उन्हें हाथरस जाना है उस रास्ते में योगी सरकार ने सैंकड़ों की संख्या में पुलिस को जवानों और अफसरों को तैनात कर दिया है। सरकार की कोशिश है कि गांधी किसी भी सूरत में हाथरस न जाने पाएं।
देश भर में भारी दबाव बनने के बाद योगी सरकार ने मीडिया को तो आज सुबह  हाथरस जाने के इजाजत दे दी थी लेकिन डीजीपी के आने के कारण मीडिया को दोबारा गांव से दूर रखा गया है। राजनेताओं के आने को लेकर अभी कुछ नहीं कहा है और संभावना है कि उन्हें नहीं आने दिया जाएगा।
बता दें पीड़िता का यूपी पुलिस ने बिना परिवार की मर्जी और उन्हें साथ लिए आधी रात को अंतिम संस्कार कर दिया था। परिवार के लोगों को लड़की का शव तक नहीं दिखाया गया। इस घटना से देश भर में उपजा गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है और इससे योगी सरकार को  बहुत फ़ज़ीहत झेलनी पड़ी है। राजनीतिक रूप से नुक्सान को समझते हुए योगी सरकार ने इसकी भरपाई की कोशिश की लेकिन परिजनों का गुस्सा और लड़की के साथ हुई हैवानियत से उसकी यह कोशिश सफल नहीं हुई।
यह मामला अब उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। कांग्रेस तो पहले से ही इस मामले में योगी सरकार के खिलाफ जोरदार आवाज  उठा रही है, विपक्ष की अन्य पार्टियां समाजवादी पार्टी, बसपा, माकपा आदि भी इसपर सरकार की निंदा कर रही हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी तो सीएम योगी के इस्तीफे की मांग कर चुकी हैं।
एक तरह से यह मामला अब योगी बनाम प्रियंका गांधी बन गया है। पिछले डेढ़ साल में जिस तरह प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुद्दों को लेकर योगी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है, उससे वो योगी सरकार के खिलाफ यूपी की जनता की आवाज बनकर कांग्रेस को सबसे प्रमुख विरोधी दल बनाने में सफल होती दिख रही हैं। इससे बसपा और समाजवादी पार्टी में भी बेचैनी है।
अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और यूपी की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बार  दोबारा पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस जाने की तैयारी कर ली है। बता दें गरुवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जाते हुए यूपी पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया था। यह कहा जा रहा है कि ऐसा योगी सरकार के इशारे पर ही हुआ है, क्योंकि भाजपा को भय है कि प्रियंका और राहुल यूपी के मामलों को उठाकर जनता के ध्यान खींचने में सफल हो रहे हैं जिसका आने वाले समय में भाजपा को बड़ा नुक्सान हो सकता है।
संभावना है कि राहुल-प्रियंका की भाई-बहन की जोड़ी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ शनिवार दोपहर पीड़िता के परिवार से मुलाकात करेगी। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार की शिकायतें सुनेगा और पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए मांग करेगा। याद रहे आरोप है कि गुरूवार को हाथरस जाते हुए यूपी पुलिस के एक अधिकारी के धक्के से राहुल गांधी ज़मीन पर गिर गए थे जिससे उनके हाथ में चोट आई थी।