महाराष्ट्र सरकार में 64 फीसदी मंत्री दागी

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार में 27 मंत्रियों के िखलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसका मतलब यह है कि 64 फीसदी मंत्रियों के िखलाफ आपराधिक मामले लम्बित हैं।

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में 26 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री हैं, जिनमें एनसीपी नेता अजीत पवार भी शामिल हैं, जिन्होंने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। महाविकास आघाड़ी सरकार में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं। 29 दिसंबर को शपथ लेने वाले 36 मंत्रियों में 10 कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री एनसीपी के, आठ कैबिनेट और चार राज्यमंत्री शिवसेना के और आठ कैबिनेट और दो राज्यमंत्री कांग्रेस के शामिल हैं। इसके साथ ही मंत्रिमंडल में अब एनसीपी के 12 कैबिनेट मंत्री और चार राज्यमंत्री, शिवसेना के 10 कैबिनेट मंत्री और चार राज्यमंत्री हैं, जबकि कांग्रेस के 10 कैबिनेट मंत्री और दो राज्यमंत्री हैं।

राज्य में अब मुख्यमंत्री, उद्धव ठाकरे सहित 43 मंत्री हैं। महाराष्ट्र में अधिकतम 43 ही मंत्री हो सकते हैं। मंत्री परिषद् का आकार विधायकों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है। राज्य विधानसभा की उल सदस्य संख्या 288 है। महाराष्ट्र में 27 मंत्रियों ने अपने िखलाफ आपराधिक मामले घोषित किये हैं, जो कि पूरे मंत्रिमंडल का 64 फीसदी बनता है। इसी तरह 18 मंत्रियों ने चुनाव के समय दायर अपने हलफनामों में खुद के िखलाफ गम्भीर आपराधिक मामले घोषित किये हैं। हिसाब लगाया जाए, तो यह पूरी मंत्रिमंडल का 43 फीसदी है।

महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स ने महाराष्ट्र राज्य विधानसभा के 43 में से 42 मंत्रियों के खुद भरे शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है।  महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच के राज्य समन्वयक शरद कुमार के अनुसार, चूँकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है, उनकी पृष्ठभूमि विश्लेषण के लिए उपलब्ध नहीं है।

सम्पत्ति की बात करें, तो विश्लेषण के मुताबिक, 42 मंत्रियों की औसत सम्पत्ति 21.95 करोड़ रुपये है। सबसे अधिक सम्पत्ति घोषित करने वाले शीर्ष तीन मंत्री हैं- पलुस  कडग़ाव निर्वाचन क्षेत्र से जीते कदम विश्वजीत पतंगराव हैं, जिन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उनके पास 154 करोड़ रुपये (1,54,75,74,096) चल और 62 करोड़ रुपये (62,07,66,139 रुपये) की अचल सम्पत्ति थी। इस तरह कुल 216 करोड़ की सम्पत्ति के साथ वे सूची में सबसे ऊपर हैं।

राकांपा के टिकट पर बारामती से जीते अजीत आनंतराव पवार के पास 75 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्ति है। इसमें 23,73,41,951 रुपये की चल सम्पत्ति और 51,75,09,116 रुपये की अचल सम्पत्ति शामिल है। एनसीपी के ही राजेश भैया टोपे, जो गनसावंगी से जीते हैं; की कुल सम्पत्ति 53 करोड़ रुपये थी, जिसमें 18,41,14,944 रुपये की चल सम्पत्ति और 35,57,73,372 रुपये की अचल सम्पत्ति शामिल थी। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के कदम विश्वजीत पतंगराव के पास बड़ी देनदारियाँ भी हैं। उनकी देनदारी 121 करोड़ रुपये थी। मुम्ब्रा-कालवा से जीतने वाले राकांपा के अवध जितेंद्र सतीश के पास 37 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी है, जबकि कांग्रेस के विजय नामदेवरा वाडेतीश्वर, जो ब्रह्मपुरी से दोबारा जीते हैं; की कुल देनदारी 22 करोड़ रुपये (22,22,66,073 रुपये) थी।

जहाँ तक सबसे ज़्यादा आय वाले शीर्ष तीन मंत्रियों का सम्बन्ध है, एनसीपी के अजीत अनंतराव पवार ने 2018-19 के लिए कुल 3,86,43,721 रुपये की संयुक्त आय (अपनी जमा पत्नी जमा आश्रित) घोषित की। आयकर रिटर्न के मुताबिक, उनकी स्वयं की आय इसी अवधि के लिए 62,48,786 थी। आय का स्रोत व्यवसाय और कृषि है। कांग्रेस के अमित विलासराव देशम की साझी आय 3,26,67,501 रुपये थी, जबकि उनकी अकेले अपनी आय 2,18,10,001 रुपये थी; जो कारोबार और कृषि से 2018-19 के दौरान थी। कांग्रेस के ही कदम विश्वजीत पाटनोरो को 2018-19 की साझी सम्पत्ति 2,35,28,177 रुपये, जबकि व्यवसाय और कृषि से अकेले अपनी 1,21,18,773 रुपये थी।

जब बात मंत्रियों की शिक्षा की आती है, तो 43 प्रतिशत (18) मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 8वीं और 12वीं के बीच होने की घोषणा की है, जबकि 22 मंत्री (जो की कुल का 52 फीसदी हैं) स्नातक और उससे अधिक की शिक्षा ग्रहण किये हैं। साथ ही 25 मंत्री (60 फीसदी) 51 से 80 वर्ष के आयु वर्ग में हैं। जब महिलाओं के प्रतिनिधित्व की बात आती है; तो केवल तीन महिला मंत्री ही इस सरकार में हैं।