भाजपा संकल्प पत्र में फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड और राम मंदिर, राष्ट्रवाद पर पूरा जोर

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब हर परिवार को साल भर में ७२,००० रूपये देने वाली ”न्याय” योजना को अपने घोषणा पत्र में जोड़ा तो लग रहा था कि भाजपा भी इसकी काट के लिए कुछ अपने घोषणा पत्र में जोड़ेगी। हालाँकि सोमवार को भाजपा ने अपना घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) जारी किया तो उसमें ऐसा कुछ नहीं दिखा। पिछले चुनाव में भाजपा ने ”अच्छे दिन आएंगे” का नारा दिया था और इस बार ”फिर एक बार मोदी सरकार” का नारा दिया है। तय है भाजपा मोदी के नाम पर चुनाव में  उतरने का फैसला कर चुकी है।
भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में देश की आजादी के ७५ साल पूरे होने पर फोकस करते हुए ७५ संकल्पों को रखा है। पार्टी ने दावा किया है कि  पत्र छह करोड़ लोगों की मदद से तैयार किया गया है। इसे ”संकल्पित भारत, सशक्त भारत” नाम दिया गया है। मोदी ने इस मौके पर कहा – राष्ट्रवाद, अन्तोदय और सुसाशन हमारा संकल्प है।”
घोषणा पत्र में पीस ०१४ की तरह ही यूनिफॉर्म सिविल कोड और राम मंदिर मुद्दे का जिक्र किया गया है।
घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ मंत्री राजनाथ ने कहा – ”मंदिर निर्माण के लिए हम सभी संभावनाओं को तलाशेंगे। छोटे किसानों-दुकानदारों को ६० साल के बाद पेंशन मिलेगी, राष्ट्रीय व्यापार आयोग का गठन होगा।
राजनाथ सिंह ने इस मौके पर कहा कि ”यूनिफॉर्म सिविल कोड हमारी प्रतिबद्धता अभी भी है और हम इसे करेंगे। राष्ट्रवाद के प्रति हमारी पूरी प्रतिबद्धता है। आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस पॉलिसी रहेगी। भारत में होने वाली घुसपैठ को हम सख्ती से रोकेंगे।”
उन्होंने कहा कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल को हम संसद के दोनों सदनों से पास कराएंगे और उसे लागू करेंगे। लेकिन किसी राज्य की कल्चरल और भाषाई पहचान को बचाएंगे। राम मंदिर के संकल्प को भी हम दोहराते हैं। हमारा प्रयत्न होगा कि राम मंदिर का जल्द से जल्द निर्माण हो जाए। हमारे प्रधानमंत्री ने शासन की बागडोर संभालते ही कहा था कि किसानों की आय को हम २०२२ तक दोगुना करेंगे। एक लाख तक जो क्रेडिट कार्ड पर ब्याज मिलता है पांच सालों तक उस पर ब्याज शून्य प्रतिशत होगा।
घोषणा पत्र समिति अध्यक्ष ने कहा – ”हमने फैसला किया है कि  २५ लाख करोड़ रुपए ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में हम खर्च करेंगे। राष्ट्रीय व्यापार आयोग बनाएंगे जो व्यापारियों और बिजनेसमैन की चिंता करेगा। यह इनएक्टिव नहीं वेरी एफेक्टिव आयोग होगा। यानी हम लघु और सीमांत किसानों के साथ लघु व्यापारियों को नहीं छोड़ सकते। इसलिए दुकानदारों को भी 60 साल की उम्र के बाद पेंशन देंगे।”
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष शाह ने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। शाह ने इस मौके पर कहा – ”२०१४ से २०१९ की यात्रा का जब भी इतिहास लिखा जाएगा तब यह पांच साल स्वर्ण अक्षरों में अंकित करने पड़ेंगे। इन पांच सालों में भाजपा ने एक निर्णायक सरकार देने का काम किया गया। पचास करोड़ गरीबों को उठाने के लिए काम हुआ है। मोदीजी की सरकार ने जरूरतमंदों तक गैस सिलेंडर, बिजली, घर, स्वास्थ्य जैसे बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने का सफल प्रयास किया। देश की अर्थव्यवस्था के बारे में पूरी दुनिया को सोचना पड़े ऐसा काम मोदी सरकार ने किया है। हमारी अर्थव्यवस्था २०१४ में ग्यारहवें नंबर पर थी। आज छठवें स्थान पर पहुंच गए हम और तेजी से पांचवें स्थान की तरफ बढ़ रहे हैं।”
घोषणा पत्र कार्यक्रम में पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, घोषणा पत्र समिति अध्यक्ष राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, थावरचंद गहलोत और रामलाल उपस्थित थे। घोषणा पात्र जारी करने के कार्यक्रम में भाजपा के दिग्गज नेताकांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब हर परिवार को साल भर में ७२,००० रूपये देने वाली ”न्याय” योजना को अपने घोषणा पत्र में जोड़ा तो लग रहा था कि भाजपा भी इसकी काट के लिए कुछ अपने घोषणा पत्र में जोड़ेगी। हालाँकि सोमवार को भाजपा ने अपना घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) जारी किया तो उसमें ऐसा कुछ नहीं दिखा। पिछले चुनाव में भाजपा ने ”अच्छे दिन आएंगे” का नारा दिया था और इस बार ”फिर एक बार मोदी सरकार” का नारा दिया है। तय है भाजपा मोदी के नाम पर चुनाव में उतरने का फैसला कर चुकी है।
भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में देश की आजादी के ७५ साल पूरे होने पर फोकस करते हुए ७५ संकल्पों को रखा है। पार्टी ने दावा किया है कि पत्र छह करोड़ लोगों की मदद से तैयार किया गया है। इसे ”संकल्पित भारत, सशक्त भारत” नाम दिया गया है। मोदी ने इस मौके पर कहा – राष्ट्रवाद, अन्तोदय और सुसाशन हमारा संकल्प है।”
घोषणा पत्र में पीस ०१४ की तरह ही यूनिफॉर्म सिविल कोड और राम मंदिर मुद्दे का जिक्र किया गया है।
घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ मंत्री राजनाथ ने कहा – ”मंदिर निर्माण के लिए हम सभी संभावनाओं को तलाशेंगे। छोटे किसानों-दुकानदारों को ६० साल के बाद पेंशन मिलेगी, राष्ट्रीय व्यापार आयोग का गठन होगा।
राजनाथ सिंह ने इस मौके पर कहा कि ”यूनिफॉर्म सिविल कोड हमारी प्रतिबद्धता अभी भी है और हम इसे करेंगे। राष्ट्रवाद के प्रति हमारी पूरी प्रतिबद्धता है। आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस पॉलिसी रहेगी। भारत में होने वाली घुसपैठ को हम सख्ती से रोकेंगे।”
उन्होंने कहा कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल को हम संसद के दोनों सदनों से पास कराएंगे और उसे लागू करेंगे। लेकिन किसी राज्य की कल्चरल और भाषाई पहचान को बचाएंगे। राम मंदिर के संकल्प को भी हम दोहराते हैं। हमारा प्रयत्न होगा कि राम मंदिर का जल्द से जल्द निर्माण हो जाए। हमारे प्रधानमंत्री ने शासन की बागडोर संभालते ही कहा था कि किसानों की आय को हम २०२२ तक दोगुना करेंगे। एक लाख तक जो क्रेडिट कार्ड पर ब्याज मिलता है पांच सालों तक उस पर ब्याज शून्य प्रतिशत होगा।
घोषणा पत्र समिति अध्यक्ष ने कहा – ”हमने फैसला किया है कि २५ लाख करोड़ रुपए ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में हम खर्च करेंगे। राष्ट्रीय व्यापार आयोग बनाएंगे जो व्यापारियों और बिजनेसमैन की चिंता करेगा। यह इनएक्टिव नहीं वेरी एफेक्टिव आयोग होगा। यानी हम लघु और सीमांत किसानों के साथ लघु व्यापारियों को नहीं छोड़ सकते। इसलिए दुकानदारों को भी 60 साल की उम्र के बाद पेंशन देंगे।”
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष शाह ने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। शाह ने इस मौके पर कहा – ”२०१४ से २०१९ की यात्रा का जब भी इतिहास लिखा जाएगा तब यह पांच साल स्वर्ण अक्षरों में अंकित करने पड़ेंगे। इन पांच सालों में भाजपा ने एक निर्णायक सरकार देने का काम किया गया। पचास करोड़ गरीबों को उठाने के लिए काम हुआ है। मोदीजी की सरकार ने जरूरतमंदों तक गैस सिलेंडर, बिजली, घर, स्वास्थ्य जैसे बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने का सफल प्रयास किया। देश की अर्थव्यवस्था के बारे में पूरी दुनिया को सोचना पड़े ऐसा काम मोदी सरकार ने किया है। हमारी अर्थव्यवस्था २०१४ में ग्यारहवें नंबर पर थी। आज छठवें स्थान पर पहुंच गए हम और तेजी से पांचवें स्थान की तरफ बढ़ रहे हैं।”
घोषणा पत्र कार्यक्रम में पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, घोषणा पत्र समिति अध्यक्ष राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, थावरचंद गहलोत और रामलाल उपस्थित थे। घोषणा पात्र जारी करने के कार्यक्रम में भाजपा के दिग्गज नेता लाल आडवाणी आडवाणी और मुरली जोशी नजर नहीं आए। यह नेता २०१४ के घोषणा पत्र कार्यक्रम में मुख्य चेहरा थे। माना जाता है कि भाजपा के यह दिग्गज उस तरीके से सख्त नाराज है जिस तरह उनके टिकट काटे गए। आडवाणी ने तो ब्लॉग लिखकर भाजपा के वर्तमान तौर-तरीकों पर ही ढके-छिपे शब्दों में सवाल उठा दिए, खासकर विरोधियों को ”देशविरोधी” समझने वाले भाजपाइयों के बयानों पर। लाल आडवाणी आडवाणी और मुरली जोशी नजर नहीं आए। यह नेता २०१४ के घोषणा पत्र कार्यक्रम में मुख्य चेहरा थे। माना जाता है कि भाजपा के यह दिग्गज उस तरीके से सख्त नाराज है जिस तरह उनके टिकट काटे गए। आडवाणी ने तो ब्लॉग लिखकर भाजपा के वर्तमान तौर-तरीकों पर ही ढके-छिपे शब्दों में सवाल उठा दिए, खासकर विरोधियों को ”देशविरोधी” समझने वाले भाजपाइयों के बयानों पर।