बिहार में मंत्रालयों का बटवारा, गृह विभाग नीतीश के ही पास रहेगा, प्रसाद को वित्त

बिहार में मंत्रिमंडल के सहयोगियों के बीच विभागों का बटवारा कर दिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नई सरकार में गृह विभाग अपने पास ही रखेंगे जबकि उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद वित्त मंत्री होंगे। प्रसाद पहली बार मंत्री बने हैं लिहाज यह उनके लिए काफी चुनौती वाला काम होगा।

अन्य मंत्रियों में मेवा लाल को शिक्षा मंत्रालय जबकि मंगल पांडेय को स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। मंगल पांडेय को स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ साथ सड़क और  परिवहन मंत्रालय का जिम्मा भी दिया गया है। अशोक चौधरी को भवन निर्माण और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय दिया गया है।

मेवालाल चौधरी शिक्षा मंत्री हिन्ज जबकि विजय कुमार चौधरी को ग्रामीण विकास और ग्रामीण कार्य मंत्रालय का जिम्मा मिला है। संतोष मांझी लघु और जल संसाधन मंत्री होंगे।

तारकिशोर प्रसाद को वो सभी महकमे दिए  तत्कालीन उप  देख रहे थे। इनमें वित्त, वाणिज्य और अन्य प्रमुख मंत्रालय शामिल हैं। शीला कुमारी को परिवहन विभाग मंत्रालय दिया गया है जबकि उप मुख्यमंत्री रेणु देवी महिला कल्याण विभाग का काम देखेंगी।

सरकार गठन के साथ ही काम शुरू कर रही सरकार की पहली कैबिनेट बैठक  मंगलवार को हुई, जिसमें 23 नवंबर से विधानमंडल का पहला सत्र बुलाने पर सहमति बनी। बैठक में जीतन राम मांझी को प्रोटेम स्‍पीकर बनाने पर भी सहमति बनी। अब आगे पहले सत्र में प्रोटेम स्‍पीकर नए सदस्‍यों को शपथ दिलाएंगे। फिर, स्‍पीकर का चुनाव होगा।

याद रहे कल शाम नीतीश कुमार ने सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सत्ता की बागडोर संभाली है। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने नीतीश कुमार के अलावा चौदह मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नीतीश सरकार में विजेंद्र यादव, मंगल पांडेय को छोड़कर लगभग चेहरे सभी नए हैं। कहा जा रहा है कि विधायक नंद किशोर यादव विधानसभा के नए अध्यक्ष होंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम में एनडीए गठबंधन ने 125 सीटों पर बहुमत हासिल की है वहीं महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं। आरजेडी 75 सीटों पर जीत दर्ज कर बिहार चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, कांग्रेस को 19 सीटें हासिल हुई हैं वहीं वाम दलों ने 16 सीटों पर झंडा गाड़ा है। एनडीए में भाजपा 74 सीटें जीतकर दूसरी बड़ी पार्टी बनी है और सहयोगी जेडीयू महज 43 सीटें हासिल कर तीसरे नंबर की पार्टी रह गई है। हम और वीआईपी पार्टी को चार-चार सीटें मिली हैं।