धरने पर बैठे ममता, पुलिस कमिश्नर

टीएमसी का प्रदर्शन शुरू, सीबीआई दफ्तर के बाहर सीआरपीएफ

कोलकाता में रविवार शाम सीबीआई बनाम पुलिस की जंग का मामला गंभीर रूप धारण कर गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तो मोदी सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगते हुए धरने पर बैठ गईं, उनके साथ पश्चिम बंगाल के पुलिस कमिश्नर भी धरने पर बैठ गए हैं। सम्भवता देश के इतिहास में यह अपनी तरह की पहली घटना है।

उधर चर्चा है कि सीबीआई इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जा सकती है। सीबीआई ने आज रात ही राज्यपाल से मिलने का वक्त माँगा है। दिल्ली में सीबीआई के बड़े अधिकारीयों की बैठक चल रही है जिसमें कानूनी राय ली जा रही है। हो सकता है सीबीआई आज रात की सुप्रीम कोर्ट जाए। 

सीबीआई के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव ने कहा है कि सीबीआई अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर ही पुलिस कमिश्नर से बातचीत के लिए गए क्योंकि सारदा चिट फण्ड मामले से जुड़े सभी कागजात उनके पास हैं। ”उन्हें हमने इस बारे में नोटिस भी भेजा था लेकिन वे कोआपरेट नहीं कर रहे थे। हमारे लोगों को आशंका है कि राजीव कुमार के पास उपलब्ध दस्तावेज नष्ट किये जा सकते हैं।” 

इस बीच देश के कुछ विपक्षी नेताओं ने ममता को समर्थन का ऐलान कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव, सपा नेता अखिलेश यादव, पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने ममता के धरने का समर्थन किया है और इनमें से कुछ ने कहा है कि वे भी सोमवार को उनके धरने के समर्थ आ सकते हैं। यह भी ”आशंका” राजनीतिक हलकों में अब चलने लगी है कि केंद्र ममता  सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा सकती है। 

इस बीच पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने बड़े पैमाने पर धरने-प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक कमसे कम दो जगह ट्रेन ट्रैक रोके गए हैं। देश में ममता की मोदी सरकार के खिलाफ इस मुहीम से हड़कंप मच गया है। विरोधी एकजुट होते दिख रहे हैं।

अपुष्ट ख़बरों के मुताबिक कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने भी फोन करके ममता से बात की है, हालांकि पश्चिम बंगाल के कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने ममता के एक्शन का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचार का मामला है और जो कुछ हुआ है  नहीं किया जा सकता। ”यह जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही है लिहाजा जो कुछ हो रहा उसका समर्थन हम नहीं करते। नौबत धारा ३५६ ( राष्ट्रपति शासन/सरकार की बर्खास्तगी) की आ गयी है।”  

गौरतलब है कि मामला तब राजनीतिक रूप ले गया जब सीबीआई के करीब ३५ अधिकारी रविवार शाम पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के आवास पर पहुँच गयी। माना जाता है कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता था। पुलिस ने अपने कमिश्नर के घर सीबीआई के अफसरों के आने का विरोध कर दिया और उसके पांच अफसरों को गिरफ्तार कर लिया। 

अब पुलिस ने सीबीआई के उन पांच अधिकारियों को छोड़ दिया है जिन्हें पहले गिरफ्तार कर लिया गया था। इस बीच कोलकाता में सीबीआई दफ्तर के बाहर सीआरपीएफ के जवानों को बड़ी संख्या में तैनात कर दिया गया है। 

इससे पहले पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के आवास के बाहर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया है कि देश में एमरजेंसी से भी बुरे हालात हैं और मोदी सरकार अब पुलिस अधिकारियों को भी प्रताड़ित कर रही है। ममता देर शाम मोदी सरकार के सीबीआई के इस दुरुपयोग के खिलाफ धरने पर बैठ गईं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि ”आज पुलिस कमिश्नर के घर सीबीआई छापे के पीछे मोदी और शाह हैं।” ममता ने साफ़ कहा है कि राजीव कुमार सबसे बेहतरीन अफसरों में एक हैं और मोदी-शाह की जोड़ी देश में एमरजेंसी से बुरी स्थिति बना रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवल के इशारे पर आज का घटनाक्रम हुआ है। उन्होंने कहा पीएम मोदी इन सब हालात के लिए जिम्मेबार हैं और वे मोदी के हटने तक चुप नहीं बैठेंगीं।

ममता ने यह भी आरोप लगाया है कि सीबीआई प्रमुख मोदी के इशारे पर काम करते हैं। ”सीबीआई पर प्रधानमंत्री का दवाब है।” यह बहुत खराब स्थिति है। उन्होंने (मोदी-शाह) ने संबैधानिक संस्थाओं को तबाह करके रख दिया है।

सीएम ने कहा कि वे सीबीआई के रुख से आहत हैं। कोलकाता में सीबीआई बनाम पुलिस के बीच की आज की घटनाओं पर टिप्पणी की कि सीबीआई बिना सर्च वारंट के यहाँ पहुँची।  ”यह बहुत गलत है। मैं सभी राज्य पुलिस संस्थानों से आग्रह करूंगी कि वे केंद्र की मोदी की इस सरकार की ऐसी कार्रवाई के खिलाफ एकजुट हो जाएँ।”

उधर भाजपा ने आज की घटना और पुलिस का इस तरह साथ देने को असंबैधानिक बताते हुए ममता की कड़ी निंदा की है।