दिल्ली की राजनीति में दागी भी

आम आदमी पार्टी राजनीति में अपराध और भ्रष्टाचार को खत्म करने के वादे के साथ मैदान में उतरी थी। लेकिन दिल्ली में 2015 के चुनाव में जो विधायक चुनकर आये, उनमें से आधे से अधिक के िखलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। अब 2020 में एक बार फिर आप के क्लीन स्वीप किये जाने के बाद दिल्ली इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) ने सभी निर्वाचित 70 विधायकों के निर्वाचन आयोग को दिये शपथ-पत्र का विश्लेषण किया है। इसमें चुने गये 43 विधायकों के िखलाफ आपराधिक मामले लम्बित हैं।

61 फीसदी विधायकों के खिलाफ केस

इस बार चुने गये 70 विधायकों में 43 (61 फीसदी) के िखलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में 24 विधायकों के िखलाफ ही ऐसे केस लम्बित थे। इन विधायकों में 37(53 फीसदी) विधायक ऐसे हैं, जिन पर दुष्कर्म, हत्या की कोशिश जैसे गम्भीर मामले दर्ज हैं। जबकि नौ विधायकों खुद को सजायाफ्ता होने का ऐलान किया है, इनमें से एक के िखलाफ हत्या के प्रयास (धारा-307) का मामला शामिल है।

13 ऐसे और विधायक है, जिन्होंने महिलाओं के िखलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कही है, इनमें से एक के िखलाफ दुष्कर्म की धारा के तहत मामला चल रहा है। अलग राजनीतिक दल के हिसाब से ऐसे आपराधिक मामलों को देखें, तो आप के चुने गये 62 विधायकों में 38 (61 फीसदी) के िखलाफ केस दर्ज हैं और भाजपा के 8 विधायकों में से पाँच यानी 63 फीसदी के िखलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात उन्होंने स्वयं ही शपथ पत्र में दी है।

आप के 33 विधायकों के खिलाफ गम्भीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि भाजपा के 8 में से 4 के खिलाफ ऐसे गम्भीर आरोप लगे हैं। आप यह कहकर राजनीति में उतरी थी कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक क्रान्ति लेकर आएगी। वह कहने को तो मैदान में साफ-सुथरी छवि के साथ उतरने की बात कहकर आयी थी। इस बार मुख्यमंत्री केजरीवाल की इस तरह की हवा भी बनायी गयी कि वह भ्रष्टाचार के िखलाफ लड़ रहे हैं। साथ ही शिक्षा और जन सुविधाओं के मामले में दिल्ली को बदल कर रख दिया है।

52 फीसदी विधायक करोड़पति

दिल्ली के 70 विधायकों में 52 (74 फीसदी) करोड़पति हैं। 2015 में ऐसे विधायकों की संख्या 44 थी। अगर पार्टी के हिसाब से करोड़पति विधायकों की बात करें, तो आप के 62 में से 45 (63 फीसदी) करोड़पति हैं, जबकि भाजपा के 8 में से 7 (88 फीसदी) विधायक करोड़पति हैं।

दिल्ली विधानसभा 2020 में एक विधायक के पास औसत सम्पत्ति 14.29 करोड़ रुपये है, जबकि दिल्ली विधानसभा 2015 में एक विधायक की औसत सम्पत्ति 6.29 करोड़ रुपये थी। भाजपा के 8 विधायकों की औसत सम्पत्ति 9.10 करोड़ रुपये है।

292 करोड़ी सबसे अमीर विधायक

2020 विधानसभा में सबसे अमीर विधायक आम आदमी पार्टी से हैं। आप के सबसे अमीर तीन विधायकों के पास कुल 450 करोड़ की सम्पत्ति है। आप के धर्मपाल लाकड़ा के पास सबसे ज़्यादा 292 करोड़ की सम्पत्ति है। इनके बाद परमिला टोकस के पास 80 करोड़ और राज कुमार आनंद 78 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। सबसे कम सम्पत्ति वाले विधायक की बात करें, तो वह भी आम आदमी पार्टी से हैं। राखी बिड़लान के पास कुल सम्पत्ति महज़ 76 हज़ार रुपये है।

सबसे ज़्यादा कर्ज़ किस पर?

70 में से 19 विधायकों पर 50 लाख से ज़्यादा कर्ज़ है। सबसे ज़्यादा कर्ज़ रखने वाले विधायक भी आम आदमी पार्टी से हैं। आप के राज कुमार आनंद पर सबसे ज़्यादा 32 करोड़ रुपये का कर्ज़ है। इसके बाद बाद राज कुमारी ढिल्लों पर 19 करोड़ और करतार सिंह तँवर पर 12 करोड़ का  कर्ज़ है।