तवांग में एलएसी के पास झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिक घायल: सेना; कांग्रेस बोली, सरकार बयान दे

तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई है। भारतीय सेना ने मंगलवार को इस घटना को लेकर कहा कि ‘चीन और भारत के सैनिकों के 9 दिसंबर को हुई इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए’।
उधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मसले पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, तीनों सेना प्रमुख, विदेश सचिव और रक्षा सचिव भी शामिल होंगे। उधर कांग्रेस ने इस घटना पर सरकार से बयान की मांग की है।

इस मुद्दे पर आज संसद में हंगामा हो सकता है। कांग्रेस के कई नेता संसद के दोनों सदनों में इस पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव लाने वाले हैं। भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई थी। भारतीय सेना के मुताबिक इसमें दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।

उधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक ट्वीट में कहा – ‘एक बार फिर हमारे सैनिकों को चीन ने उकसाया है। हमारे सैनिकों ने बहादुरी से मुकाबला किया और कुछ जवान घायल भी हुए। हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राष्ट्र के रूप में एक हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करेंगे। लेकिन मोदी सरकार को एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर चीन की आक्रामकता और अप्रैल 2020 से हो रहे निर्माण कार्य को लेकर ईमानदार होना चाहिए।’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराके देश को भरोसे में लेना चाहिए। हम अपने जवानों की वीरता और बलिदान के ऋणी हैं। उधर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा – ‘भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है। सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। पिछले दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है। इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।’

कांग्रेस नेता ने कहा कि देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के लिए देश को ख़तरे में डाल रहे हैं। उत्तरी लद्दाख में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में एलएसी की सीमा में 15-18 किलोमीटर अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही। अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है।