जोकोविक का कमाल

ग्रैंड स्लैम जीतने में फेडरर से आगे पहुँचे जोकोविक, पर नडाल से अभी एक क़दम पीछे

नोवाक जोकोविक जब सिर्फ़ सात साल के थे, वह ख़ुद को चैम्पियन समझने के लिए घर पर काग़ज़ और लकड़ी से टेनिस की ट्राफियाँ बनाया करते थे। तब उन्हें पता भी नहीं था कि एक दिन वह एक ऐसे चैंपियन बन जाएँगे, जिनके पास सचमुच की दर्ज़नों बड़ी ट्राफियाँ होंगी। उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया था कि सिर्फ़ चार साल की उम्र में उन्होंने टेनिस रैकेट हाथ में पकड़ लिया था और वे खेल का अभ्यास सर्बिया में उस कोपोनिक माउंटेन रिसोर्ट के सामने बने टेनिस कोर्ट में करते थे, जहाँ उनके माता-पिता का अच्छा ख़ासा व्यवसाय था। वैसे जोकोविच के मुताबिक, उन्होंने टेनिस मस्ती के लिए ही खेलना शुरू किया था; लेकिन बाद में गम्भीरता से इससे जुड़ गये। विम्बलडन उस छोटी उम्र से ही उनका पसन्दीदा टूर्नामेंट था और सपना था दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी बनना।

यही जोकोविक आज विश्व टेनिस में किवदंती होने की राह पर हैं। बेशक राफेल नडाल (राफा) उनके बराबर दौड़ रहे हैं; लेकिन जोकोविक अनथके लगते हैं। हाल ही में विम्बलडन ख़िताब जीतने वाले जोकोविक की फार्म बरक़रार रही, तो ग्रैंडस्लैम जीतने के मामले में एकाध साल में वह विश्व टेनिस के शीर्ष पर होंगे। उनका स्टेमिना अद्भुत है और जीतने का जुनून उससे भी एक क़दम आगे है। निश्चित ही सर्बिया के नोवाक जोकोविक आज टेनिस के बादशाह हैं और 21 ग्रैंड स्लैम उनके महान् होने की गाथा कहते हैं।

जुलाई के पहले हफ़्ते जब विम्बलडन टूर्नामेंट में शीर्ष वरीयता प्राप्त इस खिलाड़ी ने फाइनल में पहला सेट हारने के बावजूद जिस तरह शानदार वापसी की और पहली बार फाइनल खेल रहे ऑस्ट्रेलिया के निक किर्गियोस को शिकस्त दी, वह जोकोविक की क़ाबिलियत का सुबूत है। टूर्नामेंट का अपना सातवाँ ख़िताब जीतने के लिए सर्बिया के इस खिलाड़ी ने निक पर 4-6, 6-3, त6-4, 7-6 से जीत दर्ज की।

जोकोविक जब ग्रास कोर्ट (घास वाली सतह) पर खेलते हैं, तो अपने प्रतिद्वंद्वियों के लिए बहुत ख़तरनाक हो जाते हैं। इस विम्बलडन में जोकोविच के लिए ख़िताब जीतना बड़ा काम तो था ही; लेकिन उससे भी बड़ी यह एक उपलब्धि थी। क्योंकि यह उनकी लगातार 28वीं जीत थी और विम्बलडन ख़िताब जीतने के मामले में वह रोज़र फेडरर के बाद दूसरे स्थान पर पहुँच गये हैं, जिनके आठ विम्बलडन ख़िताब हैं। किसी ग्रैंडस्लैम में वह 32 बार फाइनल में पहुँचे हैं, जो किसी भी अन्य खिलाड़ी से ज़्यादा है। उनके पीछे रोज़र फेडरर (31) और आगे राफेल नडाल (30) हैं।

जीत के बाद जोकोविच ने कहा- ‘हर बार पहले से अधिक ख़ास होता है। मेरे लिए यह ख़िताब हमेशा सबसे विशेष होगा। यह मेरा सबसे विशेष टूर्नामेंट है। इस टूर्नामेंट ने ही मुझे सर्बिया में इस खेल से जुडऩे के लिए प्रेरित किया था।’ जोकोविक को फाइनल में अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी राफा का सामना नहीं करना पड़ा, क्योंकि सेमीफाइनल में उन्होंने चोट के कारण निक किर्गियोस को वॉकओवर दे दिया। जोकोविच ने लगातार चौथी बार विम्बलडन ख़िताब जीता। कुल मिलाकर वह सात बार इस टूर्नामेंट का ख़िताब अपने नाम कर चुके हैं। जोकोविच ग्रासकोर्ट पर सन् 2011, 2014, 2015, 2018, 2019, 2021 और 2022 में चैंपियन बने हैं। कोरोना वायरस के कारण 2020 में इस टूर्नामेंट का आयोजन नहीं हो सका था।

नोवाक जोकोविच ग्रैंड स्लैम जीतने के मामले में अब स्पेन के राफेल नडाल से बस एक क़दम पीछे है। उनका यह 21वाँ ग्रैंड स्लैम ख़िताब था। ओपन युग में पुरुषों में सबसे ज़्यादा ग्रैंड स्लैम ख़िताब जीतने का रिकॉर्ड राफेल नडाल (राफा) के नाम हैं, जिन्होंने 22 ख़िताब जीते हैं। जोकोविच अब उनसे महज़ एक क़दम दूर हैं; जबकि वह महान् रोज़र फेडरर से आगे निकल चुके हैं, जिनके 20 ग्रैंडस्लैम ख़िताब हैं। राफा अभी सक्रिय हैं और फेडरर भी। लेकिन उनकी असली टक्कर अब राफा से ही है; क्योंकि फेडरर सक्रिय होते हुए भी कई बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। उम्र नडाल के आड़े हैं, जो 36 साल के हैं। फेडरर तो 41 साल के होने को हैं, जबकि जोकोविक 35 साल के हैं।

इस साल राफा को विम्बलडन में दूसरी वरीयता हासिल थी। स्पेन के नडाल का इस साल ग्रैंडस्लैम में अब तक 19-0 का रिकॉर्ड था। उन्होंने 2022 में अपने सभी ग्रैंड स्लैम मुक़ाबले जीते और इस दौरान जनवरी में ऑस्ट्रेलिया ओपन और जून में फ्रेंच ओपन ख़िताब अपने नाम किया। नडाल क़रीब एक हफ़्ते से पेट की मांसपेशियों में दर्द से परेशान थे और सेमीफाइनल में उन्हें इसी कारण से वाकओवर देना पड़ा। वैसे नडाल पाँच सेट तक चले क्वार्टर फाइनल में ही टेलर फ्रिट्ज के ख़िलाफ़ असहनीय पीड़ा सहते दिखे थे, भले वह चार घंटे और 21 मिनट में मुक़ाबला जीतने में सफल रहे थे।

जोकोविक ने एक और कमाल किया है। ऑल इंग्लैंड क्लब में जोकोविच की हाल की जीत उनकी 86वीं जीत थी। अब वह चारों ग्रैंड स्लैम में 80 या इससे अधिक मैच जीतने वाले पुरुष और महिला वर्ग के पहले खिलाड़ी बन गये हैं। जोकोविच ने ऑस्ट्रेलियन ओपन में 82, फ्रेंच ओपन में 85, विम्बलडन में 86 और यूएस ओपन में 81 मैच जीते हैं। दिलचस्प यह है कि ग्रैंडस्लैम जीतने के मामले में उनसे एक ख़िताब आगे चल रहे ग्रैंड स्लैम चैंपियन राफेल नडाल ऑस्ट्रेलियन ओपन, विम्बलडन और यूएस ओपन तीनों में 80 मैच नहीं जीत पाये हैं। रोज़र फेडरर को तो फ्रेंच ओपन में 73 जीत ही हासिल हुई हैं। इसके अलावा 22 मई, 1987 को जन्मे जोकोविच सबसे ज़्यादा हफ़्तों तक एटीपी रैंकिंग में नंबर-1 पर रहने वाले खिलाड़ी हैं। वह आज भी मैदान में जमकर खेल रहे हैं। सात साल की उम्र में जब उन्होंने ठान लिया कि टेनिस ही उनका करियर बनेगा, तो उसके बाद पीछे मुडक़र नहीं देखा।

इसके अलावा 22 मई, 1987 को जन्मे जोकोविच सबसे ज़्यादा हफ़्तों तक एटीपी रैंकिंग में नंबर-1 पर रहने वाले खिलाड़ी हैं। वह आज भी मैदान में जमकर खेल रहे हैं। सात साल की उम्र में जब उन्होंने ठान लिया कि टेनिस ही उनका करियर बनेगा, तो उसके बाद पीछे मुडक़र नहीं देखा।

जोकोविच एक समय स्वास्थ्य से जुड़ी गम्भीर समस्या भी झेल रहे थे और लगता था कि उनका करियर समाप्त होने वाला है। उनके मुताबिक, साल 2010 से पहले वह खेल के दौरान भाग-दौड़ के बीच अकसर साँस लेने में कठिनाई महसूस किया करते थे। थक भी जाते थे।

हालाँकि 2010 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दौरान जब पाँच सेट तक चले क्वार्टर फाइनल में विल्फ्रेड सोंगा के ख़िलाफ़ उन्हें मेलबर्न की गर्मी में जब दिक़्क़तत महसूस होने लगी, तो उन्होंने इससे निजात पाने की ठान ली। इसके बाद जोकोविक ने जीवन में बड़े बदलाव किये, जो खान-पान और अन्य चीज़ों से जुड़े थे। तब जोकोविच पिज्जा और चीनी से बने सोडा के दीवाने थे। उन्होंने विशेषज्ञ से राय ली और इसके बाद ग्लूटन, रिफाइंड चीनी, डेयरी प्रोडक्ट से तौबा कर ली। अब जोकोविक वीगन डाइट अपना चुके हैं, जिसमें पशु या उनके ज़रिये तैयार उत्पाद शामिल नहीं होते, जैसे- दूध, शहद, पनीर, मक्खन, अंडे, मांस आदि। इसकी जगह जोकोविक फल, अनाज, बीज, सब्ज़ियाँ, सूखे मेवे, नट्स आदि पर निर्भर रहते हैं। मैच के दौरान ब्रेक पर जोकोविच खजूर से बने स्नैक्स लेते हैं।

सबकी नज़र अब इस बात पर है कि इस साल धमाकेदार प्रदर्शन करने वाले राफेल नडाल से आगे निकलने का सपना क्या जोकोविक पूरा कर पाएँगे? यह ज़रूर ग़ौर करने लायक बात है कि नडाल ने इस साल जो दो ग्रैंड स्लैम जीते हैं, उनमें जोकोविक किसी कारण खेल नहीं पाये थे। लिहाज़ा यह कहा जा सकता है कि यदि वह खेले होते, तो उनके ग्रैंड स्लैम की संख्या कुछ और हो सकती थी; क्योंकि नडाल ने अपना 22वाँ ग्रैंडस्लैम इसी साल फ्रेंच ओपन जीतकर नाम कमाया है।

जोकोविक के ख़िताब
 ऑस्ट्रेलियन ओपन 9
 यूएस ओपन 3
 फ्रेंच ओपन 2
 विम्बलडन 7
 कुल ग्रैंडस्लैम 21

नडाल के ख़िताब
 फ्रेंच ओपन 14
 यूएस ओपन 4
 विम्बलडन 2
 ऑस्ट्रेलियन ओपन 2
 कुल ग्रैंडस्लैम 22