गहलोत ने विश्वास मत जीता, सीएम बोले देश में लोकतंत्र खतरे में

राजस्थान विधानसभा में अशोक गहलोत सरकार ने विश्वास जीत लिया है। शुक्रवार को उन्होंने ध्वनिमत से विश्वास मत जीत लिया। पायलट सहित सभी सरकार समर्थक उपस्थित 123 विधायकों ने हाथ खड़े करके सरकार का समर्थन किया। विधानसभा को 21 अगत्स्य तक के लिए स्थगित कर दिया गया है, जिसमें अब कोरोना को लेकर चर्चा की जानी है। इस अंतराल में विधायक भी अपने घर-परिवार के बीच जा सकेंगे, जो इतने दिन से बाड़ेबंदी में थे।

सरकार की तरफ से सुबह विश्वास मत पेश किया गया था। विश्वास मत पर चर्चा ख़त्म करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विपक्षी भाजपा पर जमकर निशाना साधा और उसपर सीधे-सीधे उनकी सरकार गिराने के षडयंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया। गहलोत ने कहा पूरे देश में लोकतंत्र खतरे में है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने भाषण में विपक्षी भाजपा पर जबरदस्त हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरकार गिराने की साजिश की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में लोकतंत्र खतरे में है। सरकार बची तो आपपको धक्का लगा। आपने सरकार गिराने की साजिश की। उन्होंने भाजपा से कहा कि आपने गोआ में क्या किया, मणिपुर में क्या किया, मध्य प्रदेश में क्या किया ? आज पूरे देश में लोकतंत्र खतरे में है।

भाजपा की तरफ से सदन में यह कहने कि भाजपा का इस सारे घटनाक्रम में कोई रोल नहीं था, गहलोत ने कहा यह तो वहीं बात हुई कि सो चूहे खाकर बिल्ली हज़ को चली। गहलोत ने बार-बार भाजपा और उसकी आलाकमान का नाम लेते हुए कहा वह सरकार गिराने के षड्यंत्र में शामिल थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत आश्चर्य की बात है कि जनता का इतना विशाल बहुमत मिलने के बावजूद, भाजपा राज्यों में चुनी सरकारें गिराने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे लोकतंत्र को पूरे देश में खतरा पैदा हुआ। गहलोत ने विपक्ष को मुखातिब होते हुए कहा – ‘आपको तो लोकतंत्र को बचने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन आप इससे उलट कर रहे हैं’।

गहलोत ने सदन में विपक्ष के सदस्यों से कहा कि हो सकता है आपमें से कुछ को आलाकमान ने इस षड्यंत्र के बारे में नहीं बताया हो। मैं भी मानता हूं कि आप सभी ऐसा नहीं (सरकार गिराना) चाहते हों। आज सदन में सरकार समर्थक 123 विधायक उपस्थित थे जबकि दो स्वास्थ्य कारणों से नहीं आ सके।

इससे पहले आज सुबह 11 बजे सत्र के शुरू होते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव रख दिया। सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस ने विधायकों को व्हिप जारी किया। भाजपा भी अविश्वास मत प्रस्ताव लाने की तैयारी में थी, लेकिन गहलोत ने पहले ही चाल चल दी जिससे भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का इरादा टाल दिया।