किसानों के आंदोलन में फिर एकजुट विपक्ष

मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन दिल्ली में जारी

दिल्ली में किसानों के आंदोलन के बहाने विपक्ष के नेताओं में शुक्रवार को  फिर एकता दिखी। करीब एक लाख किसान दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर जुटे हैं। इन किसानों को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएसपी बढ़ाने और बोनस देने का वादा किया था लेकिन इस बारे में कुछ नहीं किया गया।
जंतर-मंतर पहुंचे कांग्रेस, आप, वाम दल, भाकपा और एनसी के नेता
कांग्रेस, आप, वाम दल, भाकपा, माकपा सहित विपक्षी पार्टियों ने किसानों के इस मार्च का समर्थन किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल  के अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवार , एनसी नेता फ़ारूक़ अब्दुल्ला और अन्य ने भी किसानों को सम्बोधित करते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला किया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यदि इस देश के उद्योगपतियों का कर्ज माफ हो सकता है तो किसानों के ऋण भी माफ होने चाहिए। राहुल ने कहा – हम किसानों के साथ हैं। किसानों ने इसपर तालियां बजाकर उनकी बात का समर्थन किया।
किसानों के मार्च की अगुवाई कर रहे भाकपा नेता अतुल अंजान ने कहा कि  देश में कृषि और ग्रामीण जीवन पर संकट गहराता जा रहा है। ”सरकार ने खुद माना है कि बीते सालों में तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं हुई है। साठ साल से ज्यादा उम्र के किसानों को प्रतिमाह 10 हजार रुपए की पेंशन मिलनी चाहिए।
गौरतलब है कि  दिल्ली में करीब एक लाख किसान कर्ज माफी और बेहतर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर रामलीला मैदान में जुटे हैं। किसानों के प्रदर्शन का शुक्रवार को दूसरा दिन है। ऑल इंडिया संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी (एआईकेएससीसी) के बैनर तले जुटे इन किसानों की सरकार से मांग है कि आगामी शीतकालीन सत्र में कृषि संकट पर संसद में चर्चा हो।
देश भर के कई सूबों से आये यह किसान आरोप लगा रहे हैं कि मौजूदा मोदी सरकार ने कृषि समस्याओं को दूर करने के लिए जरूरी उपाय नहीं किए हैं।
किसानों को कई राजनीतिक दलों का समर्थन भी प्राप्त है।
उधर एआईकेएससीसी का दावा है कि हाल के दिनों में राजधानी दिल्ली में किसानों का यह अब तक का सबसे बड़ा जमावड़ा है। किसानों का यह मार्च गुरुवार को आनंद विहार, निजामुद्दीन, बिजवासन रेवले स्टेशन और सब्जी मंडी से गुजरा। वहीं, किसानों ने शुक्रवार को रामलीला मैदान से संसद भवन की ओर मार्च किया हालाँकि उन्हें पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त  निश्चित  दिया गया।