कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जून में, विधानसभा चुनाव के बाद होगा

कांग्रेस नए अध्यक्ष के लिए चुनाव देश की कुछ विधानसभाओं के लिए होने वाले चुनावों के बाद करेगी। यह चुनाव जून के आखिर में होगा। कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की शुक्रवार हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई और यह फैसला किया गया कि विधानसभा चुनाव निबटाकर अध्यक्ष का चुनाव किया जाए।

इस साल पांच विधानसभाओं के लिए चुनाव होने हैं। इनमें से पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार है जबकि अन्य चार में नहीं। असम और केरल में कांग्रेस वापसी की कोशिश कर रही है जबकि पश्चिम बंगाल में वह सीपीएम और तमिलनाड में डीएमके के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। पार्टी को इन पांच राज्यों में चुनाव पर ध्यान देना है और यदि वह चुनाव से पहले अध्यक्ष के चुनाव में उलझी तो प्रचार प्रभावित हो सकता है।

असम में कांग्रेस ने बदरुद्दीन अज़मल की पार्टी से समझौता किया है और एनआरसी के मुद्दे से उपजे विवाद के बाद पार्टी भाजपा के खिलाफ पूरी ताकत से चुनाव में उतरना चाहती है। राहुल गांधी चूंकि चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा हैं, फिलहाल पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को रोककर उसके बाद ही करना चाहती है।

आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किसानों के मुद्दे को जोर शोर से उठाने की बात कहीं और कहा आने वाले संसद सत्र में कांग्रेस इसे पूरी ताकत से उठाएगी। कांग्रेस शुरू से ही मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रही है। सोनिया गांधी ने बैठक में कहा कि किसानों के मुद्दे पर सरकार का रुख घमंडी और असंवेदनशीलता दिखता है। सोनिया ने कहा कि नए कृषि कानूनों को जल्दबाजी में लागू किया गया और इस पर संसद में सही तरीके से चर्चा तक नहीं की गई क्योंकि सरकार अमीरों को फायदा देना चाहती थी।

बैठक में कांग्रेस ने अर्नब गोस्वामी चैट लीक गेट की भी चर्चा की और इस चैट के कुछ अंशों जिनमें पुलवाला, बालाकोट आदि की अग्रिम जानकारी होने की बात सामने आती है, को बहुत गंभीर मुद्दा बताया। सोनिया ने बैठक में अरनब की कथित वॉट्सएप चैट का हवाला देते हुए कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।  उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से पूर्ण रूप से समझौता किया गया।

कांग्रेस को भरोसा है कि केरल, पुडुचेरी और असम विधानसभा चुनाव में उसका प्रदर्शन अच्छा रहेगा जबकि तमिलनाड और बंगाल में भी वह अच्छी सीटें जीतेगी। केरल से राहुल गांधी अध्यक्ष हैं और उनके वहां से लड़ने भर से पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन किया था। वायनाड के सांसद के नाते भी राहुल का प्रदर्शन बहुत बेहतर रहा है।

हाल में एक एजेंसी ने अपने सर्वे में बताया था कि देश भर में लॉक डाउन में सबसे बेहतर काम करने वाले सांसदों में राहुल गांधी तीसरे नंबर पर थे। ऐसे में चुनाव प्रचार में उनके उतरने से केरल में कांग्रेस अपने साझीदारों के साथ सत्ता में लौटने की पक्की उम्मीद कर रही है, जहाँ इस समय वाम मोर्चा की सरकार है।

यदि कांग्रेस विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करती है तो कांग्रेस के भीतर इससे माहौल अच्छा होगा। नेताओं और कार्यकर्ताओं की निराशा घटेगी। कांग्रेस में बड़ा वर्ग राहुल गांधी को दोबारा अध्यक्ष बनाना चाहता है। हाल में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी कहा था कि विरोधी राहुल गांधी को जिस मर्जी भाषा में पुकारें, सच यह है कि देश में राहुल गांधी ही अकेले ऐसे नेता हैं जो नरेंद्र मोदी की नीतियों के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे हैं। महबूबा और पीडीपी के अलावा फारूक अब्दुल्ला और उनकी पार्टी एनसी भी कांग्रेस के साथ नजदीकी बढ़ाना चाहती है।

आज की कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में यह फैसला किया गया है कि मई में पार्टी के अध्यक्ष सहित आंतरिक चुनाव कराए जाएंगे।

‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक आज की बैठक में महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी का शेड्यूल पढ़ा और बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष के लिए मई में चुनाव होंगे। यह चुनाव पांच राज्यों के चुनाव के बाद होंगे। बैठक में कहा गया कि आंतरिक चुनाव के चलते पार्टी का विधानसभा चुनाव से ध्यान बंटे।

बैठक के बाद कांग्रेस नेताओं किसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जून के आखिर तक पार्टी अध्यक्ष का चुनाव करेगी। बैठक में इसे लेकर फैसला हुआ है। बैठक में तीन प्रस्ताव भी पास किये गए।