एमसीडी चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट : मनोनीत पार्षद नहीं करेंगे वोट, कल होगी बैठक

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली में मेयर चुनाव जल्द कराने और मनोनीत पार्षदों को मतदान के अधिकार को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात पर नाराजगी जताई कि देश की राजधानी में यह सब हो रहा है। सर्वोच्च अदालत ने यह भी फैसला सुनाया है कि राज्यपाल की तरफ से मनोनीत पार्षद मतदान में हिस्सा नहीं ले सकते। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि पहले चुनाव के लिए कल (शनिवार) बैठक होगी।  

आज की सुनवाई में प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा – ‘देश की राजधानी में ये हो रहा, अच्छा नहीं लगता।’ अदालत ने जल्द चुनाव का भी संकेत दिया है और यह शनिवार को भी हो सकते हैं।

इस तरह दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव मामले में आम आदमी पार्टी को सर्वोच्च अदालत से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर फैसला देते हुए कहा कि मेयर चुनाव में राज्यपाल के मनोनीत 10 पार्षद (एल्डरमैन) वोट नहीं करेंगे।

नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति देने के एलजी के फैसले को चुनौती देने वाली आप नेता शैली ओबेरॉय की याचिका पर अदालत ने ये फैसला सुनाया। मेयर चुनाव के लिए मतदान में हो रही देरी पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘देश की राजधानी में ये हो रहा, अच्छा नहीं लगता’।  

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243R के हिसाब से मनोनीत पार्षद वोट नहीं दे सकते। चुनाव जल्द से जल्द होना बेहतर है। एमसीडी के वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) वोट दे सकते हैं।

आम आदमी पार्टी की ओर से अदालत में पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा – ‘मैं शीघ्र ही दो बिंदु आपके सामने रखूंगा। पहला यह कि हम बात कर रहे हैं किसी नगर पालिका में मेयर चुनाव की। कृपया अनुच्छेद 243R देखें।  संविधान का अनुच्छेद 243R एल्डरमैन को वोटिंग का अधिकार नहीं देता है। पैरा 1 कहता है कि मनोनीत व्यक्ति मतदान नहीं कर सकते। इस चुनाव के लिए इस नगर पालिका के लिए यह अधिनियम इसे दर्शाता है, वह खंड 3ए है’।

सिंघवी ने कहा कि अब वास्तविक नियमों को देखें। पहले आप महापौर का चुनाव करते हैं और फिर महापौर शेष बैठक की अध्यक्षता करते हैं। कोर्ट को चुनाव की तारीख तय करनी चाहिए। जो भी हो उन्हें चुनाव कराना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि प्रथम दृष्टया, अनुच्छेद 243R से पता चलता है कि मनोनीत सदस्य मतदान नहीं कर सकते हैं। पहले चुनाव के लिए कल बैठक होगी। मेयर का चुनाव तत्काल होना है।